प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने दिखाई नई राह
नई दिल्ली, 21 सितंबर 2021। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने एक बार फिर आपदा जोखिम बीमा के क्षेत्र में भारत के प्रयासों को दिशा दी है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की कार्यशाला में उन्होंने भारत के लिए आपदा जोखिम बीमा के महत्व और नवाचार की आवश्यकता को स्पष्ट किया। इस कार्यशाला में बीमा उत्पादों, जोखिम आकलन और प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ बीमा कवरेज में विस्तार की रणनीतियों पर गहन चर्चा की गई। उन्होंने कमजोर लोगों तक बीमा उपलब्ध कराने को सबसे बड़ी चुनौती बताया। भारत में बीमा को और समावेशी बनाने के लिए उन्होंने बीमांकिक विशेषज्ञता और कानूनी ढांचे की मजबूती पर जोर दिया।
दो महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विमर्श किया
बीमा कवरेज को कमजोर वर्गों तक कैसे पहुंचाया जाए- उन्होंने कहा कि बीमा सुलभ होनी चाहिए, विशेष रूप से उन वर्गों के लिए जो इसे खरीदने में कठिनाई महसूस करते हैं। उन्होंने किफायती प्रीमियम, जागरूकता, और सरल दावा निपटान प्रक्रियाओं के जरिए इस क्षेत्र में विस्तार की आवश्यकता को रेखांकित किया।
सरकार की भूमिका क्या होनी चाहिए– क्या सरकार बीमा बाजार के विकास में उत्प्रेरक का कार्य करे या सीधी भूमिका निभाए? डॉ. मिश्रा ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया जो बीमा सेवाओं की पहुंच को सुधारने में मदद कर सके।
वैश्विक रुझानों के साथ भारत की भागीदारी
डॉ. मिश्रा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आपदा जोखिम बीमा के विविध उत्पाद तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने एनडीएमए और वित्तीय सेवा विभाग द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह भारत में एक मजबूत आपदा बीमा बाजार तैयार करने में मदद करेगा। इस अवसर पर गृह सचिव गोविंद मोहन, एनडीएमए सदस्य राजेंद्र सिंह, बीमा उद्योग के पेशेवर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।