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छत्तीसगढ़ कैबिनेट ने किसानों, शिक्षा और ग्रीन एनर्जी को लेकर लिए बड़े फैसले

छत्तीसगढ़ कैबिनेट ने किसानों, शिक्षा और ग्रीन एनर्जी को लेकर लिए बड़े फैसले

रायपुर, 26 नवंबर 2024। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए, जो राज्य के विकास और जनहित, किसानों, शिक्षा और ग्रीन एनर्जी से जुड़े हैं। बैठक में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्यम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, मंत्री लखनलाल देवांगन, दयालदास बघेल समेत अन्य मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहे।

किसानों के लिए राहतभरी घोषणाएं

  • खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में मक्का, दलहन-तिलहन, और रबी विपणन मौसम 2025-26 में चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन के लिए नेफेड और एनसीसीएफ को प्रोक्योरमेंट एजेंसी नियुक्त किया गया।
  • किसानों को उन्नत किस्म के बीज उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए सीधे सेंट्रल नोडल सीड एजेंसी से बीज क्रय करने की अनुमति दी गई। इसके लिए नियमों में छूट दी गई।

ग्रीन एनर्जी को मिलेगा बढ़ावा

  • छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पम्प स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2023 के तहत हरित ऊर्जा विकास शुल्क समाप्त किया गया।
  • हरित ऊर्जा शुल्क में हर पांच साल में 25% वृद्धि का प्रावधान भी हटा दिया गया है। यह कदम ग्रीन एनर्जी और जल विद्युत परियोजनाओं के विकास को प्रोत्साहित करेगा।

शिक्षा क्षेत्र में बदलाव

  • कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षाओं को केंद्रीकृत करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया। यह कदम राज्य में शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

नगरीय विकास और हाउसिंग में सुधार

  • हुडको के साथ समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी गई, जिससे आगामी 5 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता, परामर्श, और क्षमता विकास सेवाएं उपलब्ध होंगी।
  • गृह निर्माण मंडल की आवासीय भूमि पर प्रीमियम, अर्थदंड और भू-राजस्व में छूट देने का फैसला हुआ। इससे मकान खरीदारों को राहत मिलेगी।

अन्य प्रमुख निर्णय

  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नागरिक आपूर्ति निगम को चना उपार्जन ई-आक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से करने की अनुमति दी गई।
  • राजनीतिक आंदोलनों से जुड़े 54 प्रकरणों को न्यायालय से वापस लेने का अनुमोदन किया गया।