रायपुर में अभियंताओं के महाकुंभ में ऊर्जा क्षेत्र के नवाचार और चुनौतियों पर हुआ मंथन
रायपुर, 1 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ की ऊर्जा राजधानी में अभियंताओं का एक दिवसीय प्रादेशिक अधिवेशन एवं असाधारण सभा एक ऐतिहासिक क्षण बन गई। अटल बिहारी वाजपेयी ताप विद्युत संयंत्र मड़वा के सीनियर क्लब में आयोजित इस गरिमामयी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी के प्रबंध निदेशक एस. के. कटियार ने ऊर्जा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों और अभियंताओं की भूमिका पर सारगर्भित विचार रखे।
उन्होंने कहा, आने वाले समय में ऊर्जा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और जटिलताएं बढ़ेंगी, ऐसे में हमें नवाचारों के लिए तैयार रहना होगा। बिना टीम वर्क के सफलता की राह आसान नहीं हो सकती। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ट्रांसमिशन कंपनी के एमडी राजेश कुमार शुक्ला ने युवा अभियंताओं और अनुभवी इंजीनियरों के सामूहिक प्रयासों को प्रगति की कुंजी बताया। उन्होंने कहा, वरिष्ठ अभियंताओं के अनुभव और युवाओं की ऊर्जा का संतुलित समन्वय ही हमें सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
मांगों की गूंज और अभियंताओं का सम्मान
अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर राजेश पांडे ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली, कनिष्ठ स्तर पर नई भर्तियां और अंतर-कंपनी ट्रांसफर पर रोक जैसी महत्वपूर्ण मांगों को उठाया। महासचिव मनोज वर्मा ने अधिवेशन की शुरुआत भारत रत्न अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की प्रतिमा अनावरण से की, जिसने कार्यक्रम को प्रेरणादायक ऊंचाइयां दीं।
इस दौरान ऊर्जा क्षेत्र में अपनी अमूल्य सेवाएं देने वाले वरिष्ठ अभियंताओं को सम्मानित किया गया, जिनमें पी.एन. सिंह, सुरेंद्र तिवारी, शरद श्रीवास्तव, मुकेश नाहर, संजय तैलंग, पी.के. खरे, सुनील विश्वास, राकेश शर्मा, अनिल व्यास, एस.के. बंजारा, प्रवीण श्रीवास्तव, विनय पांडेय, विनोद अग्रवाल, सी.एम. बाजपेयी, मोहम्मद शाहिद खान शामिल थे।
ऊर्जा संदेश का विमोचन और नवाचारों पर चर्चा
कार्यक्रम के अंतर्गत ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे तकनीकी नवाचारों और अभियंताओं की दक्षता सुधार पर विशेष चर्चा हुई। इस मौके पर ऊर्जा संदेश नामक स्मारिका का विमोचन भी किया गया, जिसका संपादन आल इंडिया पॉवर इंजीनियर फेडरेशन के संपादक इंजीनियर विनय पांडेय ने किया। इस ऐतिहासिक अधिवेशन में प्रदेशभर से 400 से अधिक अभियंताओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन इंजीनियर विनय पांडेय ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन इंजीनियर एच.एन. कोसरिया ने किया।