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छत्तीसगढ़ से उठी संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग

छत्तीसगढ़ से उठी संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग

रायपुर 28 नवंबर 2024। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले से संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा देने की मांग उठी है। यह मांग भारतीय बौद्ध महासभा के जिलाध्यक्ष संतोष कामड़े ने की है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संविधान दिवस को राष्ट्रीय महत्व का पर्व घोषित करने का आग्रह किया है।

संतोष कामड़े ने प्रधानमंत्री कार्यालय को यह पत्र जिले के कलेक्टर के माध्यम से प्रेषित किया। पत्र में उन्होंने संविधान दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे राष्ट्रीय पहचान देने की अपील की है।

हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1949 में भारत का संविधान अंगीकृत और अधिनियमित हुआ था। संतोष कामड़े ने कहा कि संविधान दिवस केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इसे राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने से नागरिकों में संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

संतोष कामड़े का यह प्रयास न केवल संविधान के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है, बल्कि छत्तीसगढ़ से उठी यह आवाज पूरे देश में संविधान दिवस की महत्ता को स्थापित करने का संकेत है।

राष्ट्रीय पर्व का दर्जा मिलने से देशभर में संविधान की शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा। यह दिन भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करेगा। संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने से देश की विविधता में एकता को बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए पत्र में संविधान के महत्व, भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और इसे राष्ट्रीय पर्व का दर्जा देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।