आजादी के 77 साल बाद बस्तर के सुकमा जिले की पांच पंचायतों में पहली बार मतदान
रायपुर, 23 फरवरी 2025। छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित या फिर नक्सलगढ़ के नाम से चर्चा में रहे पुवर्ती गांव में लोकतंत्र की ‘जय-जय’ हुई है। इसके साथ ही पांच ऐसी पंचायतें जहां नक्सली खौफ के चलते गांव में लोग मतदान नहीं कर पाते, वहां भी गांव की सरकार चुनने के लिए लोग घरों से निकले और मतदान में हिस्सा लेकर लोकतंत्र की ‘जय-जय’ किया।
लोकतंत्र की इस सुखद तस्वीर से हर कोई खुश नजर आ रहा है। बता दें छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण का मतदान शनिवार को संपन्न हुआ। इस दौरान सुकमा जिले में आजादी के 77 साल बाद ब्लॉक के पांच पंचायतों में पहली बार मतदान हुआ।
सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड में शांतिपूर्ण तरीके ग्रामीणों ने भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस पंचायत चुनाव में माओवादियों के गढ़ कहे जाने वाले पूवर्ती गांव जहां ग्रामीणों ने पहली बार नक्सल दहशत को धता बताते हुए लोकतंत्र के महापर्व में न सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि अपने गांव में पानी, सड़क और शिक्षा की मांग भी की।
पूवर्ती के आंगनबाड़ी केंद्र में बनाए गए पोलिंग बूथ क्रमांक 13 में सुबह मतदान शुरू होने से पहले ही ग्रामीणों की भीड़ केंद्र में जमा होने लगी। वार्ड क्रमांक 9 से 17 तक के लिए वोट पूवर्ती में डाले गए।