नई दिल्ली, 27 दिसंबर 2024। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 की देर रात 9 बजकर 51 मिनट पर निधन हो गया। दिल्ली एम्स में उन्होंने 92 वर्ष की आयु में जीवन की अंतिम सांस ली। वे पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थे। 26 दिसंबर की रात 8 बजे तबियत अधिक खराब होने पर उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था।
डॉ. मनमोहन सिंह देश के 14वें प्रधानमंत्री रहे। उनका जन्म 26 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब में हुआ था। जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है।
मनमोहन सिंह की शिक्षा
- 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक किया था।
- आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
- 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री हासिल की।
- 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल किया।
दक्षिण आयोग के महासचिव भी रहे
मनमोहन सिंह पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षक रहे। कुछ वर्षों के लिए उन्होंने यूएनसीटीएडी सचिवालय के लिए भी काम किया। 1987 और 1990 में जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में उन्हें नियुक्ति किया गया।
इन पदों पर भी रहे
- 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने।
- 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे।
- वित्त मंत्रालय के सचिव रहे।
- योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे।
- भारतीय रिजर्व बैंक के अध्यक्ष बने।
- प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे।
- यूजीसी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
कई कानूनी सुधार किये
16 सितंबर 1982 से 14 जनवरी 1985 तक वे आरबीआई के गर्वनर रहे। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई कानूनी सुधार किए। आरबीआई अधिनियम में उन्होंने एक नया अध्याय जोड़ा। शहरी बैंक विभाग की स्थापना की गई। आरबीआई में अपने कार्यकाल के बाद, उन्होंने वित्त मंत्री नियुक्त होने से पहले कई पदों पर काम किया। उन्होंने भारत में उदारीकरण और व्यापक सुधारों की शुरुआत की। 1991 से 1996 तक वह देश के वित्त मंत्री रहे।
यह सम्मान हासिल किए
- भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण 1987
- जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार 1995
- एशिया मनी अवार्ड 1993 और 1994
- यूरो मनी अवार्ड 1993
लगातार दो बार प्रधानमंत्री रहे
डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनाव के बाद 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली और 22 मई 2009 को दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 1991 से भारतीय संसद के राज्य सभा के सदस्य रहे जहां वे 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता थे।