देशभर में दशहरे की धूम: दिल्ली के रामलीला मैदान में हुआ भव्य रावण दहन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रहे मुख्य आकर्षण

देशभर में दशहरे की धूम: दिल्ली के रामलीला मैदान में हुआ भव्य रावण दहन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रहे मुख्य आकर्षण

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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर 2024। देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरे का पर्व पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाया गया। खासतौर पर दिल्ली में इस त्योहार का अद्वितीय उत्साह देखने को मिला, जहां रामलीला मैदान में विशाल स्तर पर रावण दहन का आयोजन हुआ। इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

समारोह की शुरुआत भगवान राम और लक्ष्मण का तिलक कर और आरती उतारकर की गई। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भगवान राम और लक्ष्मण को तिलक कर उनका आशीर्वाद लिया और फिर आरती की। इसके बाद उन्होंने राम-रावण युद्ध का मंचन देखा, जिसमें भगवान राम ने रावण की नाभि में तीर मारकर उसका वध किया। यह दृश्य न केवल धार्मिक मान्यता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि इसे देखने आए हजारों दर्शकों के लिए बेहद प्रेरणादायक भी रहा।

राम-रावण युद्ध के बाद, रावण, मेघनाथ, और कुम्भकरण के विशाल पुतलों का दहन किया गया। रावण के दहन के साथ पूरे मैदान में ‘जय श्री राम’ के नारे गूंज उठे। हजारों लोगों की भीड़ ने आतिशबाज़ी का आनंद लिया, जोकि पुतला दहन के बाद हुई। रावण दहन का यह आयोजन हर साल की तरह इस बार भी बहुत भव्य और आकर्षक रहा, जिसमें न सिर्फ दिल्ली बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से लोग सम्मिलित हुए।

दिल्ली के लालकिला मैदान में स्थित श्री धार्मिक लीला कमेटी द्वारा आयोजित इस समारोह में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने रामलीला का मंचन देखा और रावण दहन का आनंद लिया। कार्यक्रम में विशेष रूप से बच्चों और परिवारों की बड़ी संख्या देखने को मिली, जो इस पारंपरिक आयोजन को देखने के लिए बेहद उत्साहित थे।

दशहरे के इस उत्सव ने एक बार फिर से देश की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक मान्यताओं को जीवंत कर दिया। रामलीला मंचन ने न केवल भगवान राम के आदर्शों और उनके धर्मपालन का संदेश दिया, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत की अमर कथा को भी जन-जन तक पहुँचाया। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि चाहे कितनी भी ताकतवर बुराई क्यों न हो, अंततः सत्य और धर्म की विजय होती है।

इस विशाल आयोजन के मद्देनज़र सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। पुलिस और सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी ताकि आयोजन शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके। प्रशासन की ओर से भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे, जिससे किसी भी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं मिली।

इस बार के दशहरे उत्सव में खासतौर पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश भी दिया गया। पुतलों के निर्माण में प्रदूषण रहित और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का इस्तेमाल किया गया। आयोजकों ने इस बार कम ध्वनि वाले पटाखों का उपयोग करने का आह्वान भी किया, जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे और उत्सव की गरिमा बनी रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह त्योहार हमें अपने जीवन में बुराई को त्यागने और अच्छाई को अपनाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा, आज का दिन हमें याद दिलाता है कि चाहे कितनी भी बाधाएं हों, हम धैर्य, साहस और सच्चाई के मार्ग पर चलकर हर समस्या का समाधान कर सकते हैं।

दिल्ली के रामलीला मैदान में मनाया गया दशहरे का यह भव्य आयोजन देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक था। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने इस समारोह को और भी खास बना दिया, जिससे इसे देखने आए लोग गर्व और उत्साह से भर गए। दशहरे के इस पर्व ने एक बार फिर से यह साबित किया कि अच्छाई हमेशा जीतती है, और बुराई का अंत सुनिश्चित है।