प्रतापगढ़, 3 जनवरी 2025। उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश नेतृत्व का आगमन आज प्रतापगढ़ में हुआ। अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष आयोजित सभा में निजीकरण के खिलाफ आंदोलन को तेज करने का संकल्प लिया गया।
इस सभा में उत्तर प्रदेश अभियंता संघ के महामंत्री इंजीनियर जितेंद्र सिंह गुर्जर, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के मुख्य महामंत्री महेंद्र राय, हाइड्रोइलेक्ट्रिक एंप्लाइज यूनियन के महामंत्री पीके दीक्षित, और विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन के उपाध्यक्ष सरयू प्रसाद त्रिवेदी ने भाग लिया। सभा का संचालन गणेश शर्मा ने किया।
सभा को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय मंत्री हेमंत ओझा ने कहा, निजीकरण के खिलाफ सभी कर्मचारी बलिदान देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इंजीनियरों से कर्मचारियों का उत्पीड़न रोकने की अपील की। इंजीनियर जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा, निजीकरण न तो देशहित में है, न ही कर्मचारी या उपभोक्ता हित में। उन्होंने 5 जनवरी 2025 को प्रयागराज में आयोजित होने वाली पंचायत में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान किया।
सभा में अधीक्षण अभियंता सत्यपाल, अधिशासी अभियंता राम आश्रय चौरसिया, उपखंड अधिकारी श्रीजन कुमार, और प्राविधिक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अमर सिंह यादव ने भी अपने विचार रखे। सभी ने निजीकरण के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष जारी रखने की बात कही।
सभा में निर्णय लिया गया कि 5 जनवरी को प्रयागराज में आयोजित जन पंचायत को सफल बनाने के लिए अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में जुटेंगे। सभा में संकल्प लिया गया, निजीकरण की प्रक्रिया जैसे ही आगे बढ़ेगी, हम आंदोलन और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरेंगे।
सभा के अंत में सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने आवाज दो हम एक हैं, निजीकरण नहीं सहेंगे, इंकलाब जिंदाबाद और अभी तो यह अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है जैसे नारों के साथ अपने संघर्ष की प्रतिबद्धता जाहिर की।
यह सभा विद्युत कर्मचारियों और इंजीनियरों के एकजुट संघर्ष और निजीकरण के खिलाफ उनके दृढ़ संकल्प का प्रतीक बन गई।