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लेजर लाइट के अधिक इस्तेमाल से दृष्टि पर खतरा

लेजर लाइट के अधिक इस्तेमाल से दृष्टि पर खतरा
  • गणेश विसर्जन में शामिल युवक की आंख की रोशनी हुई कमजोर

रायपुर, 2 अक्टूबर 2024। छत्तीसगढ़ में यह बात सामने आयी है कि लेजर लाइट के अधिक इस्तेमाल से दृष्टि पर खतरा है। यहां रायपुर में गणेश विसर्जन के दौरान एक 19 वर्षीय युवक, गणेश यादव, को गंभीर आंखों की समस्या का सामना करना पड़ा। विसर्जन जुलूस में चल रही तीव्र लेजर लाइट की वजह से उसकी बाईं आंख की दृष्टि कमजोर हो गई। डॉक्टरों ने जांच के बाद पाया कि उसकी बाईं आंख की रक्त वाहिका लेजर किरणों के सीधे टकराने से क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे उसकी दृष्टि प्रभावित हो गई है।

मेडिकल कॉलेज रायपुर के नेत्र और रेटिना विशेषज्ञ डॉ. प्रांजल मिश्र ने बताया कि गणेश यादव की आंखों की जांच के दौरान पता चला कि लेजर किरणों के कारण आंख के पर्दे (रेटिना) में छिद्र हो गया है। इस छिद्र से रक्त का रिसाव हुआ, जो पर्दे में जमा हो गया। यह स्थिति बेहद गंभीर थी, क्योंकि इससे उसकी दृष्टि पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है।

उच्च क्षमता की लेजर लाइट से होता है नुकसान

डॉ. मिश्र ने जानकारी दी कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में उपयोग की जाने वाली लेजर लाइटें अक्सर अत्यधिक तीव्रता वाली होती हैं, जो 3D, 3b या 4 कैटेगरी में आती हैं। एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) द्वारा 5 मिलीवाट से अधिक क्षमता वाली लेजर किरणों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है, विशेष रूप से ब्लू स्पेक्ट्रम वाली किरणें आंखों के लिए बेहद हानिकारक मानी जाती हैं। ये लेजर किरणें रेटिना पर खून का रिसाव करा सकती हैं और कई मामलों में रेटिना में छिद्र कर देती हैं, जिससे दृष्टिहीनता का खतरा बढ़ जाता है।

समय पर उपचार से बचाई जा सकती है दृष्टि

डॉ. मिश्र ने जोर देते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति की आंखों पर ऐसी तीव्र लेजर किरण पड़ती है, तो उसे तुरंत अस्पताल जाकर विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। सही समय पर उपचार मिलने से दृष्टि बचाई जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि हर साल इस प्रकार की घटनाएं सामने आती हैं, जहां अधिक क्षमता वाली लेजर के कारण लोगों की आंखों की दृष्टि प्रभावित होती है।

उच्च क्षमता की लेजर लाइट पर रोक लगाने की अपील

डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों में अत्यधिक तीव्रता वाली लेजर लाइट का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे लोगों की दृष्टि को गंभीर नुकसान हो सकता है। उन्होंने आयोजकों से अपील की है कि इस तरह की सार्वजनिक गैदरिंग में सुरक्षा के मद्देनजर उचित तीव्रता वाली लाइटों का ही इस्तेमाल किया जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति दृष्टिहीनता का शिकार न हो।