अमेठी, 9 जनवरी 2025। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अमेठी जिले के दो ब्लॉक, मुसाफिरखाना और जामो में आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं एल्बेंडाजोल, डाईइथाइल कार्बामजीन, और आईवरमेक्टिन दी जाएंगी।
बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में इस अभियान के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि जनपद में 13 ब्लॉक हैं, जिनमें संभावित फाइलेरिया रोगियों का पता लगाने के लिए नवंबर में नाइट ब्लड सर्वे किया गया था। इस सर्वे के दौरान मुसाफिरखाना में पांच और जामो में तीन नए फाइलेरिया रोगी पाए गए।
सीएमओ ने निर्देश दिए कि इन दो ब्लॉकों में शत-प्रतिशत लक्षित जनसंख्या को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाए। उन्होंने दवा सेवन के दौरान संभावित प्रतिकूल प्रभावों जैसे जी मिचलाने या चक्कर आने के बारे में जानकारी दी और इसे घबराने की बजाय परजीवियों के मरने का संकेत बताया।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. राम प्रसाद ने बताया कि इस अभियान में एक वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को छोड़कर सभी को दवाओं का सेवन करना है। अभियान में सहयोगी संस्थाएं जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और पाथ, प्रशिक्षण और मॉनिटरिंग में सहयोग कर रही हैं।
सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) और प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने में विभाग का सहयोग कर रही हैं। सीफॉर द्वारा बनाए गए पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफॉर्म (PSP) में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फाइलेरिया रोगी, पंचायत सदस्य, कोटेदार, स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति, और ग्राम प्रधान शामिल हैं। यह मंच समुदाय को फाइलेरिया संक्रमण, उपचार, और दवाओं के सेवन के महत्व पर खुलकर चर्चा के लिए प्रेरित कर रहा है।
इस मौके पर मुसाफिरखाना और जामो के सीएचसी अधीक्षक, सहायक मलेरिया अधिकारी सुशील कुमार, मलेरिया निरीक्षक विनोद सोनी, डॉ. नित्यनानंद (WHO), जिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता विनीत कुमार मौर्य, पाथ, सीफॉर, और पीसीआई के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
यह अभियान फाइलेरिया के उन्मूलन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें जनजागरूकता और सामुदायिक भागीदारी को प्राथमिकता दी जा रही है।