रायपुर, 9 सितंबर 2024। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को और मजबूत करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की चार बटालियन राजधानी रायपुर में पहुंच गई हैं। इनमें से तीन बटालियन झारखंड से और एक बटालियन बिहार से आई हैं। यह तैनाती सुरक्षा बलों को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी मदद प्रदान करेगी। सूत्रों के अनुसार, इन बटालियनों की तैनाती दक्षिण बस्तर क्षेत्र में की जाएगी, जो नक्सलवाद से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में से एक है।
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ दौरे पर कहा था कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा कर दिया जाएगा। उन्होंने रायपुर में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए नई रणनीति भी तैयार की थी। बस्तर क्षेत्र नक्सलियों का सबसे प्रमुख ठिकाना है, और वहां सुरक्षा बलों की बढ़ी हुई तैनाती इस मिशन को पूरा करने में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, और महाराष्ट्र की पुलिस के साथ मिलकर नक्सल विरोधी अभियान को तेज करे। इसके लिए जॉइंट टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें अनुभवी अधिकारी और जवान शामिल होंगे।
वर्तमान में बस्तर में लगभग 60,000 से अधिक सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं। इनमें एसएसबी, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, एसटीएफ, कोबरा, और बस्तरिया बटालियन शामिल हैं, जो नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई कर रहे हैं।