मोरक्को, 18 अप्रैल 2025। मोरक्को की राजधानी मारकेश में आयोजित ‘गीटेक्स अफ्रीका 2025’ में भारत ने अपनी डिजिटल और कौशल विकास की ताकत का शानदार प्रदर्शन किया। इस महाद्वीपीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने किया। उन्होंने उच्चस्तरीय द्विपक्षीय बैठकों, पैनल चर्चाओं और भारतीय स्टार्टअप्स के साथ बातचीत के माध्यम से भारत की तकनीकी प्रगति और वैश्विक सहयोग की संभावनाओं को रेखांकित किया।
चौधरी ने अपने संबोधन में भारत की डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आधार (डिजिटल पहचान), यूपीआई (डिजिटल भुगतान), ओएनडीसी (ई-कॉमर्स), और स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल नवाचारों ने भारत में परिवर्तनकारी बदलाव लाए हैं। उन्होंने कहा, स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) ने डेढ़ वर्ष में एक करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं को जोड़ा है, जो कौशल विकास के लिए एक मजबूत डिजिटल मंच प्रदान करता है।
उन्होंने इन क्षेत्रों में अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग की अपार संभावनाओं पर बल दिया। चौधरी ने कहा कि भारत की ओपन-सोर्स डीपीआई प्रणाली अन्य विकासशील देशों में डिजिटलीकरण को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
श्री चौधरी ने भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में एक प्रमुख प्रतिभा केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने एआई स्टैनफोर्ड इंडेक्स 2025 का हवाला देते हुए बताया कि भारत में एआई प्रतिभाओं की भर्ती में 33.39% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो सरकार और उद्योग जगत के सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा, भारत की डिजिटल प्रगति और कौशल विकास मॉडल अन्य विकासशील देशों के लिए एक अनुकूलनीय ढांचा प्रदान करते हैं, जो समावेशी और टिकाऊ विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
इस शिखर सम्मेलन के दौरान, चौधरी ने मोरक्को के प्रमुख मंत्रियों के साथ सार्थक द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिनमें डिजिटल बदलाव और प्रशासनिक सुधार मंत्री सुश्री अमल एल फल्लाह सेघ्रोचनी, उच्च शिक्षा और नवाचार मंत्री प्रोफेसर अजेदीन एल मिदौई, आर्थिक समावेशन और कौशल मंत्री यूनुस सेकौरी, और राष्ट्रीय शिक्षा मंत्री मोहम्मद साद बेराडा शामिल थे।
इन बैठकों में एआई, अनुसंधान, और क्षमता निर्माण में तालमेल के साथ-साथ डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के समावेशी और नवाचार-उन्मुख मॉडल पर चर्चा हुई। चौधरी ने भारत के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे डीपीआई ने समावेशन, नवाचार, और न्यायसंगत विकास को बढ़ावा दिया है।
‘गीटेक्स अफ्रीका 2025’ में भारत की भागीदारी ने वैश्विक मंच पर उसकी नेतृत्वकारी भूमिका को और मजबूत किया। स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, आधार, यूपीआई, डिजीलॉकर, और दीक्षा जैसे मॉडलों ने यह प्रदर्शित किया कि प्रौद्योगिकी-संचालित समावेशी विकास नागरिक सशक्तीकरण में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इन पहलों को वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं के रूप में मान्यता मिल रही है, जो विकासशील देशों के लिए अनुकूलनीय ढांचे प्रदान करते हैं।
चौधरी ने भारतीय स्टार्टअप्स के साथ बातचीत में उनके नवाचारों की सराहना की और अफ्रीकी भागीदारों के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी से दोनों पक्षों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी। इस आयोजन ने भारत को डिजिटल नवाचार और कौशल विकास में अग्रणी के रूप में स्थापित करते हुए वैश्विक सहयोग के नए द्वार खोले।