यूपी समेत कई राज्यों में फैला है हनी ट्रैप गैंग का जाल
लखनऊ, 7 सितंबर 2024। उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक ऐसा हनी ट्रैप गैंग पकड़ा गया है, जो अमीर लड़कों को निशाना बनाकर उनसे लाखों रुपये की उगाही करता था। इस गिरोह का मास्टरमाइंड फिरोज नाम का युवक है, जिसमें सुमैया खान उर्फ शालू हिंदू पहचान का इस्तेमाल कर लड़कों से संबंध बनाती थी, और फिर फिरोज, रुहीना खान उर्फ सिमरन व अन्य सदस्य उगाही का काम करते थे।
खास बात यह है कि गिरोह ज्यादातर हिंदू युवकों को फंसाता था, लेकिन मेरठ में जिस कांड में इन्हें पकड़ा गया, वहां उन्होंने आकिल नाम के मुस्लिम युवक को अपना शिकार बनाया था।
पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह दिल्ली, वेस्ट यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल समेत कई राज्यों में सक्रिय था। यह गैंग अब तक 50 से ज्यादा लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे वसूली कर चुका है। गिरोह की महिलाएं पहले यौन संबंध बनातीं और फिर रेप का केस दर्ज कराने की धमकी देकर मोटी रकम वसूलती थीं। मेरठ में इस गिरोह का भंडाफोड़ हो गया और पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में आसिफ, फिरोज, फहीम, अनिकेत, दीपक, सुमैया खान उर्फ शालू शर्मा और रुहीना खान उर्फ सिमरन शामिल हैं। पुलिस को इनके मोबाइल में कुछ वीडियो मिले हैं, जबकि कई वीडियो गैंग की महिलाओं ने डिलीट कर दिए थे। जाँच जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि कितने लोगों से वसूली की गई और कितने लोगों पर झूठे दुष्कर्म के मामले दर्ज कराए गए।
ऐसे हुआ हनी ट्रैप का खुलासा
मामला तब सामने आया जब यह गिरोह मेरठ के परतापुर थाने में खुद पहुँचा और रेप का केस दर्ज कराने का दबाव बनाने लगा। पुलिस को शक होने पर सख्ती से पूछताछ की गई, जिसके बाद हनी ट्रैप का पूरा मामला खुल गया। पूछताछ के दौरान गैंग के सदस्यों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। इस मामले में कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से कार, बाइक, नकली आधार कार्ड और सात मोबाइल बरामद हुए हैं।
कैसे चलता था हनी ट्रैप गैंग
गिरोह की सदस्य सुमैया, शालू बनकर और दूसरी महिला रुहीना रेकी किए गए नंबर पर मिस्ड कॉल करती थी। मिस्ड कॉल देखकर जब व्यक्ति वापस कॉल करता, तो सॉरी बोलकर फोन रख दिया जाता। इसके बाद मैसेज या मिस्ड कॉल के जरिए बातचीत का सिलसिला शुरू होता। मीठी बातें कर उन्हें धीरे-धीरे जाल में फंसाया जाता था।
यह गैंग बेहद शातिर तरीके से काम करता था। दोस्ती धीरे-धीरे झूठे प्रेम संबंधों में बदल जाती और फिर अवैध संबंध बनते। इसके बाद, लड़कों से पैसे की माँग की जाती। अगर पैसा नहीं मिलता, तो रेप का केस दर्ज कराने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती।
शादीशुदा युवक के मामले से खुला राज
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के अनुसार, परतापुर थाना क्षेत्र के एक शादीशुदा युवक ने रिपोर्ट दर्ज कराई। उसने बताया कि कुछ दिन पहले उसे एक महिला का फोन आया, जिसने किसी जरूरी काम से मिलने की बात कही। उसने अपना नाम शालू शर्मा बताया और बाद में युवक से मेरठ में मिलने आ गई। दोनों ने व्यू बैली होटल में कमरा लिया और शारीरिक संबंध बनाए।
होटल से बाहर आने पर शालू ने कहा कि वहाँ उसके भइया-भाभी आ गए हैं। होटल के बाहर एक स्विफ्ट गाड़ी और बाइक खड़ी थी। उन्होंने युवक को जबरदस्ती गाड़ी में बैठा लिया और 50 लाख रुपये की माँग की। अंततः मामला 10 लाख में सेट हुआ, लेकिन जब पैसा नहीं मिला, तो दबाव बनाने के लिए यह गिरोह युवक के साथ परतापुर पुलिस थाने पहुँच गया।
पूछताछ में हुआ शक
थाने पहुंचने पर शालू ने बताया कि वह यमुनानगर की निवासी है और परतापुर के युवक ने उसके साथ रेप किया। दरोगा मोहित सक्सेना को मामले में शक हुआ और जब पुलिस ने युवक को बुलाया और होटल में जांच शुरू की, तब इस हनी ट्रैप का खुलासा हुआ।
जांच के दौरान गैंग के अन्य सदस्य थाने से भागने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें फ्लाईओवर के पास दबोच लिया। पीड़ित युवक ने अपहरण और 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने की बात बताई, जिसके बाद मामला खुलकर सामने आया कि यह गिरोह लोगों को हनी ट्रैप में फंसाकर उगाही करता है।
झूठे आधार कार्ड के जरिए उगाही
पुलिस को तलाशी में सुमैया के पास से शालू शर्मा नाम का नकली आधार कार्ड मिला, जिससे वह लोगों को झांसे में फंसाती थी। पुलिस ने इस आधार पर अन्य धाराएं भी जोड़ी हैं। यह गिरोह अधिकतर हिंदू युवकों को निशाना बनाता था, लेकिन आकिल के मामले में उनकी पोल खुल गई और वे पकड़े गए।
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
आकिल की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपहरण, रंगदारी और धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस को उम्मीद है कि आगे की पूछताछ में इस गैंग से जुड़ी और भी अहम जानकारियां मिलेंगी।