न्यूयार्क, 26 सितंबर 2024। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विश्व के कई देशों के बीच छिड़े संघर्ष पर चिंता व्यक्त किया है। उन्होंने ऐसे देश जिन पर प्रभावशाली देशों द्वारा अत्याचार किया जा रहा है, उनके साथ खड़ा होने और सहयोग करने का अपना संकल्प दुहराया है।
यूएन महासभा में बाइडेन ने कहा कि हर दौर की अपनी चुनौतियां होती हैं। एक युवक के रूप में मैंने उन्हें देखा था। और मैं आज भी उन्हें देख रहा हूं। लेकिन मुझे पता है कि हम उससे कहीं ज़्यादा मज़बूत हैं, जितना हम मानते हैं। अगर हम साथ मिलकर काम करें तो कुछ भी हमारी क्षमता से परे नहीं है।
उन्होंने कहा कि आज विश्व की हालत देख बहुत से लोग निराश प्रतिक्रिया देते हैं-मैं नहीं। मैं चुनौतियों को पहचानता हूं, यूक्रेन से लेकर गाज़ा, सूडान और आगे तक। पर शायद मैंने जो कुछ देखा है और बीते दशकों में मिलकर जो किया है, उसके कारण मुझे उम्मीद है। मुझे पता है कि आगे बढ़ने की एक राह है।
944 दिनों से पुतिन यूक्रेन पर अपना क्रूर हमला जारी रख रहे हैं। और 944 दिनों से यूक्रेनी लोग अटल, अटूट और अडिग खड़े हैं। यूक्रेन के पुनरोत्थान और पुनर्निर्माण के लिए समर्थन के हमारे संयुक्त घोषणापत्र के साथ 30 से अधिक देशों और ईयू ने निम्नांकित के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
- यूक्रेन को दोबारा मज़बूत बनाने के लिए ज़रूरी संसाधन देना
- रूस को जवाबदेह ठहराना
- अभी और भविष्य में निकट समन्वय करना
बाइडेन ने कहा अमेरिका यूक्रेन की सेना को रूस के जारी हमलों से बचाव के लिए तत्काल आवश्यक हथियारों और उपकरणों का एक नया पैकेज भेज रहा है। यह सहायता अपने सैनिकों और अपने लोगों की रक्षा करने और अग्रिम मोर्चों पर अपनी क्षमताओं को मज़बूत करने में यूक्रेन की मदद करेगी।
लड़ाई बंद करें और बातचीत शुरू करें : बाइडेन
बाइडेन ने आगे कहा कि सूडान में युद्ध और लोगों की पीड़ा खत्म कराने के बारे में जर्मनी, फ्रांस, ईयू और अफ्रीका एवं खाड़ी के साझेदारों के साथ बैठक की। हमने युद्धरत पक्षों से दोबारा बातचीत करने, मानवीय सहायता को सुरक्षित पहुंचने देने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
मैंने अमेरिका द्वारा सूडान और पड़ोसी देशों में आपात मानवीय सहायता के लिए अतिरिक्त 42.4 करोड़ डॉलर के योगदान की घोषणा की है। दुनिया को युद्धरत पक्षों से मांग करनी चाहिए कि वे सहायता का मुक्त प्रवाह होने दें, लड़ाई बंद करें और बातचीत शुरू करें।