Skip to content

भारत की कंटेनर हैंडलिंग क्षमता दूनी होगी, 20 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

20 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

नई दिल्ली, 26 सितंबर 2024। केन्द्र के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 25 सितंबर को नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि कामराजर बंदरगाह की स्थापना के 25 साल बाद, वधावन बंदरगाह का जुड़ना भारत की समुद्री यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, साथ ही गैलेथिया खाड़ी को हाल ही में एक प्रमुख बंदरगाह के रूप में अधिसूचित किया गया है। अगले पांच वर्षों में, एमओपीएसडब्ल्यू ने कंटेनर हैंडलिंग को प्रभावशाली 40 मिलियन टीईयूएस तक पहुंचने का अनुमान लगाया है, जिससे देश भर में रोजगार के 20 लाख अवसर पैदा होंगे। अकेले जेएनपीए अपनी हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 6.6 मिलियन टीईयूएस से बढ़ाकर 10 मिलियन कर देगा।

आने वालें दिनों में 3 बडे़ कार्य होंगे

  • जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत के रणनीतिक महत्व को पहचानते हुए, मंत्रालय महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और गुजरात में समर्पित क्लस्टर विकसित कर रहा है।
  • उन्होंने कहा, हम हाइड्रोजन विनिर्माण केंद्रों के विकास के लिए कांडला और वीओसी पोर्ट में 3,900 एकड़ से अधिक भूमि आवंटित कर रहे हैं, जिससे भारत स्वच्छ ऊर्जा में अग्रणी बन जाएगा।
  • इसके अलावा, हम आगामी ‘सागरमंथन: द ग्रेट ओशन कॉन्फ्रेंस’ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो इस नवंबर में मुंबई में आयोजित किया जाएगा, जिसमें महासागर स्थिरता और नीली अर्थव्यवस्था के विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग कनेक्टिविटी में सुधार होगा

सर्बानंद सोनोवाल ने मंत्रालय की उपलब्धियों को प्रस्तुत करते हुए प्रमुख परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया , जो भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाएंगे और समग्र क्षेत्र के विकास में योगदान देंगे। उन्होंने 21वीं सदी की भारत की पहली प्रमुख बंदरगाह परियोजना, वधवन बंदरगाह की नींव को रेखांकित किया, जो 298 एमएमटीपीए की क्षमता के साथ हर मौसम में काम करने वाले गहरे पानी के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक बनने के लिए तैयार है।

इस मेगा बंदरगाह से 1.2 मिलियन रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही एक भारतीय बंदरगाह विश्व स्तर पर शीर्ष 10 कंटेनर बंदरगाहों में शामिल हो जाएगा। इससे अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा और पारगमन समय और लागत में कमी आएगी।