नई दिल्ली, 19 सितंबर 2024। देश की मजबूत अर्थव्यवस्था का असर अब प्रत्यक्ष कर संग्रह पर साफ नजर आ रहा है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत से अब तक पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले प्रत्यक्ष कर संग्रह में 16.12% की जबरदस्त बढ़त दर्ज की गई है। 1 अप्रैल से 17 सितंबर तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.95 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिससे सरकार की आर्थिक नीतियों की मजबूती और देश की विकास दर की गति की पुष्टि होती है।
इसी अवधि के दौरान टैक्स रिफंड में भी रिकॉर्ड 56.49% की वृद्धि देखी गई, जो 2.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। व्यक्तिगत आयकर संग्रह 19% की उछाल के साथ 5.15 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 10.55% बढ़कर 4.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स) संग्रह में भी वृद्धि हुई है, जो 26,154 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसके अलावा, अग्रिम कर संग्रह ने भी 22.61% की वृद्धि दिखाई है, जो 4.36 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों से 22.12 लाख करोड़ रुपये संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष से लगभग 13% अधिक है। देश में प्रत्यक्ष कर संग्रह में इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण अर्थव्यवस्था की मजबूती है, जिसमें वित्त वर्ष 2023-24 में 8.4% की वृद्धि देखी गई थी और 2024-25 में 7.2% की वृद्धि का अनुमान है।