भारत 2025 से अफ्रीका को करेगा रेल इंजन का निर्यात

बड़ा कदम : भारत 2025 से अफ्रीका को करेगा रेल इंजन का निर्यात

Business

नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024। मढ़ौरा, बिहार स्थित संयंत्र से पहली बार अफ्रीका को लोकोमोटिव (रेल इंजन) का निर्यात किया जाएगा। यह संयंत्र 2025 से इवोल्यूशन सीरीज ES43ACmi लोकोमोटिव का निर्माण कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की उपस्थिति दर्ज करेगा।

भारतीय रेलवे और वेबटेक का संयुक्त उद्यम, वेबटेक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड, वैश्विक मंच पर भारत की प्रौद्योगिकी और उत्पादन क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है।

ES43ACmi लोकोमोटिव, 4,500 हॉर्सपावर वाले इवोल्यूशन सीरीज इंजन से लैस है, जो उच्च तापमान वाले वातावरण में बेहतर ईंधन दक्षता और प्रदर्शन प्रदान करता है। यह लोकोमोटिव (रेल इंजन) उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ निर्मित किया जा रहा है और वैश्विक बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार इसे तैयार किया गया है।

मढ़ौरा संयंत्र में रेल इंजन का निर्माण

बिहार के मढ़ौरा में स्थित 70 एकड़ में फैला यह संयंत्र, जिसे 2018 में भारतीय रेलवे के लिए 1,000 अत्याधुनिक लोकोमोटिव (रेल इंजन) बनाने के लिए स्थापित किया गया था, अब भारत से वैश्विक ग्राहकों को लोकोमोटिव निर्यात करने की दिशा में अग्रसर है। संयंत्र का विस्तार न केवल “मेक इन इंडिया” अभियान को बढ़ावा देगा, बल्कि “मेक फॉर द वर्ल्ड” पहल के तहत भारत को एक वैश्विक लोकोमोटिव निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।

इस परियोजना का रणनीतिक महत्व इस बात में है कि यह भारत को एक वैश्विक निर्माण हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भर भारत” दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह मेल खाता है। इसके जरिए भारत न केवल अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करेगा, बल्कि स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए नए अवसर और लंबे समय तक रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित होगा।

मढ़ौरा संयंत्र ने अब तक भारतीय रेलवे के लिए करीब 650 लोकोमोटिव (रेल इंजन) का निर्माण कर उन्हें बेड़े में शामिल किया है। संयंत्र वर्तमान में भारतीय रेलवे को हर साल 100 लोकोमोटिव की आपूर्ति कर रहा है। संयंत्र के विस्तार से भारतीय उद्योग में स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं की भागीदारी बढ़ेगी, और यह संयंत्र लंबे समय तक निर्यात के लिए तैयार रहेगा।

रेल मंत्रालय और वेबटेक के बीच यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी न केवल भारतीय रेलवे के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारत की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

मढ़ौरा संयंत्र ने बिहार में औद्योगिक गतिविधियों को नई ऊर्जा दी है और राज्य में लगभग 600 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया है। इस संयंत्र के जरिए राज्य में औद्योगिक विकास और निवेश को भी बड़ा बढ़ावा मिला है, जिससे स्थानीय समुदायों को भी लाभ पहुंचा है।

वेबटेक और भारतीय रेलवे का यह संयुक्त प्रयास भारत को एक वैश्विक लोकोमोटिव विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मढ़ौरा संयंत्र से अफ्रीका को होने वाले लोकोमोटिव निर्यात ने भारत की विनिर्माण क्षमता को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने की ओर कदम बढ़ा दिया है।