भारतीय हॉकी ने पूरे किये 100 साल, ग्वालियर से हुई थी शुरुआत

नई दिल्ली, 9 नवंबर 2024। भारतीय हॉकी ने 100 वर्षों का गौरवमयी सफर तय कर लिया है, और इस ऐतिहासिक उपलब्धि के सम्मान में हॉकी इंडिया ने एक सालभर चलने वाले भव्य जश्न की घोषणा की है। यह शताब्दी समारोह भारतीय हॉकी की बेजोड़ विरासत, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी पहचान और अद्वितीय खेल उत्कृष्टता को समर्पित होगा। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण पुरुष हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) का पुन: शुभारंभ और महिला हॉकी इंडिया लीग का ऐतिहासिक उद्घाटन होगा, जो हॉकी में लैंगिक समानता और खेल के उत्थान का प्रतीक है।

भारत में हॉकी का आधिकारिक गठन 7 नवंबर, 1925 को ऐतिहासिक शहर ग्वालियर में हुआ था। इस महत्वपूर्ण पल ने भारतीय हॉकी के एक अविस्मरणीय सफर की शुरुआत की, जिसने देश को एक सशक्त खेल राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। पिछले 99 वर्षों में भारतीय टीम ने आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक, एक रजत और चार कांस्य पदक जीतकर एक शानदार विरासत स्थापित की। हॉकी विश्व कप में भी भारत ने स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक हासिल कर अपनी श्रेष्ठता साबित की है।

भारतीय हॉकी का पुनर्जागरण

हॉकी के पारंपरिक प्राकृतिक मैदान से लेकर कृत्रिम सतहों की आधुनिक चुनौती तक, भारतीय हॉकी निरंतर विकसित हुई है। पिछले एक दशक में भारतीय हॉकी ने एक नए सिरे से पुनर्जागरण का अनुभव किया है। 52 साल के लंबे इंतजार के बाद भारतीय पुरुष टीम का ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक और टोक्यो ओलंपिक में महिला टीम का चौथा स्थान हासिल करना इस उत्थान के महत्वपूर्ण क्षण रहे हैं।

आधुनिक पहलें और नवाचार

भारतीय हॉकी में नवाचार लाने के लिए हॉकी इंडिया ने कई डिजिटल पहलों की शुरुआत की है, जैसे सदस्य इकाई पोर्टल और ऑनलाइन खिलाड़ी पंजीकरण प्रणाली, जिससे खिलाड़ियों का व्यापक डेटा संकलित किया जा रहा है। इसके अलावा, संरचित कोचिंग शिक्षा के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच और अधिकारी तैयार किए जा रहे हैं।

समावेशिता की दिशा में कदम

हॉकी इंडिया ने खेल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। पुरुष और महिला दोनों हॉकी टीमों के लिए समान पुरस्कार राशि और मैच फीस की नीति ने इसे भारत का पहला ऐसा टीम खेल बना दिया है जिसमें पूर्ण वेतन समानता सुनिश्चित की गई है।

शताब्दी समारोह के नए आयाम

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर कहा, हम इस शताब्दी वर्षगांठ के अवसर पर पुरुष और महिला हॉकी लीग के पुन: शुभारंभ को लेकर उत्साहित हैं। यह आयोजन हमारी उल्लेखनीय यात्रा का एक प्रमाण है, जिसने भारतीय हॉकी को एक मजबूत विरासत प्रदान की है। हम इस लीग के माध्यम से भारतीय हॉकी में नई प्रतिभाओं को उभरते हुए देखने के लिए उत्सुक हैं।

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि शताब्दी समारोह भारतीय हॉकी की समृद्ध विरासत का प्रतीक है और देश में खेल के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है।

भारतीय हॉकी की 100वीं वर्षगांठ का यह समारोह एक गौरवमयी विरासत का सम्मान है, जो न केवल खेल प्रेमियों के लिए उत्सव का मौका है, बल्कि एक प्रेरणा भी है। यह जश्न भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी खेल संस्कृति का निर्माण करने और भारतीय हॉकी के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।