रायपुर, 13 फरवरी 2025। छत्तीसगढ़ की राजधारी रायपुर में आयकर विभाग की असेसमेंट विंग ने कर चोरी का बड़ा केस उजागर किया है। यह कर चोरी जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज प्रोजेक्ट्स (आई) प्रा. लि. (जेएईएस) में की गयी थी। जांच में 32 करोड़ रुपये की कर चोरी उजागर की गयी है। यह खुलासा विभाग द्वारा 24 घंटे तक चली विस्तृत जांच के दौरान हुआ, जिसमें फर्जी खर्च, जाली कटौतियां और कृत्रिम रूप से कर देनदारी को कम करने के प्रयास सामने आए।
वित्तीय दस्तावेजों की गहन जांच में भारी विसंगतियां पाई गईं, जिसके चलते जेएईएस को ‘हाई रिफंड’ मामला घोषित किया गया। आयकर अधिकारियों ने डिजिटल रिकॉर्ड और भौतिक दस्तावेजों की जांच में पाया कि कंपनी ने फर्जी बिलिंग और खर्च दिखाकर कर चोरी को अंजाम दिया।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 133(A)(1) के तहत बुधवार दोपहर से गुरुवार देर रात तक चली इस कार्रवाई की निगरानी मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेडाउ ने की। संयुक्त आयकर आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयकर आयुक्त राहुल मिश्रा के नेतृत्व में 26 सदस्यीय प्रवर्तन दल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें 20 कर जांचकर्ता और 6 सशस्त्र पुलिसकर्मी शामिल थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेएईएस के निदेशकों धर्मेंद्र सिंह, जोगेंद्र सिंह और अमरेंद्र सिंह से गहन पूछताछ के बाद 32 करोड़ रुपये की कर चोरी की पुष्टि हुई। इसके चलते, कंपनी पर 10.75 करोड़ रुपये का अग्रिम कर लगाया गया, जबकि 25 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना अभी भी लंबित है। कुल मिलाकर, जेएईएस को 11 करोड़ रुपये की देनदारी का सामना करना पड़ा।
इस जांच की शुरुआत नए साल के बाद हुई थी और डेढ़ महीने तक विभाग ने वित्तीय गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी। विभाग ने पाया कि जेएईएस ने अपनी वास्तविक आय को छिपाने, खर्च बढ़ाकर दिखाने और फर्जी कटौतियों के माध्यम से कर देनदारी कम करने का प्रयास किया। खासतौर पर, नकदी सृजन के लिए फर्जी खर्च को प्रमुख साधन बनाया गया।
आगे की जांच में कंपनी के निदेशकों के स्वामित्व वाली कई डमी कंपनियां सामने आईं, जिनमें मां मदवारानी कोल बेनेफिशिएशन प्रा. लि., फेसिक फोर्जिंग प्रा. लि., अरंश प्रोजेक्ट्स प्रा. लि., किंग रिसोर्सेज प्रा. लि., प्रगति ट्रांसमूवर्स प्रा. लि., जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज प्रा. लि., जय अंबे रोडलाइंस प्रा. लि., यूनाइटेड इमरजेंसी सॉल्यूशंस प्रा. लि., जय अंबे एक्जिजेंसी सर्विसेज प्रा. लि., अचकन्न क्लोदिंग प्रा. लि., डिलिजेंस ग्लोबल प्रा. लि. और डिलिजेंस हेल्पिंगहैंड फाउंडेशन शामिल हैं। हालांकि, जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इन कंपनियों का उपयोग कर चोरी के लिए नहीं किया गया था। फिर भी, इन कंपनियों की गहन जांच जारी रहेगी, जिसमें जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों को खंगाला जाएगा।
आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि कर चोरी करने वाली कंपनियों पर निगरानी लगातार बढ़ाई जाएगी और यह मामला ऐसे संगठनों के लिए चेतावनी साबित होगा, जो अवैध वित्तीय गतिविधियों के जरिए कर लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। विभाग अब कानूनी कार्रवाई और पुनर्मूल्यांकन के अन्य उपायों पर विचार कर रहा है।