रायपुर, 8 फरवरी 2025। भारत की अग्रणी हरित ऊर्जा उत्पादन कंपनियों में से एक, जिन्दल न्यूक्लियर पावर प्राइवेट लिमिटेड (जिन्दल न्यूक्लियर) ने वर्ष 2047 तक देश की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 18 गीगावाट-बिजली का योगदान करने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। यह ऐतिहासिक घोषणा नवीन जिन्दल समूह के अंग और जिन्दल रिन्युएबल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी, जिन्दल न्यूक्लियर द्वारा की गई है, जिसका उद्देश्य देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर करना और कार्बन उत्सर्जन को घटाना है।
केंद्र सरकार ने अपने आम बजट में परमाणु ऊर्जा प्रोत्साहन योजना के तहत 2047 तक 100 गीगावाट-बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। जिन्दल रिन्यूएबल ने इसमें 18 गीगावाट-बिजली उत्पादन क्षमता का योगदान करने का संकल्प लिया है। इस योजना का उद्देश्य कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने के साथ-साथ औद्योगीकरण को प्रोत्साहित कर सतत आर्थिक विकास में योगदान देना है।
जिन्दल न्यूक्लियर इस योजना के तहत बीओटी प्रणाली के अनुसार अत्याधुनिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण और संचालन करेगी। कंपनी उन्नत तकनीकों का उपयोग कर विश्वस्तरीय सुरक्षा, संचालन दक्षता और बेहतर पर्यावरण व्यवस्था सुनिश्चित करने में भी योगदान देगी। यह निजी क्षेत्र की पहली कंपनी है जिसने भारत को न्यूनतम कार्बन अर्थव्यवस्था (लो कार्बन इकोनॉमी) में बदलने की दिशा में रुचि दिखाई है, ताकि 24 घंटे कार्बन-डाई-ऑक्साइड मुक्त बिजली विश्वसनीय रूप से उपलब्ध कराई जा सके।
जिन्दल न्यूक्लियर के वरिष्ठ सलाहकार और पूर्व एनपीसीआईएल अध्यक्ष, एस.के. शर्मा ने कहा, भारत सरकार की 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना प्रेरणादायक और दूरदर्शी है। जिन्दल न्यूक्लियर इसे लेकर बेहद आशावादी है। हम मानते हैं कि इस लक्ष्य को हासिल करने में निजी क्षेत्र को भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। हमारी 18 गीगावाट परमाणु ऊर्जा विकास योजना, भारत की कार्बन-डाई-ऑक्साइड मुक्त ऊर्जा उत्पादन व्यवस्था निर्माण के प्रति हमारी कटिबद्धता को दर्शाती है।
यह परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम अगले दो दशकों में विकसित किया जाएगा, जिसमें स्मॉल रिएक्टर्स, स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स, और जेन-4 रिएक्टर्स को शामिल करने की योजना है। जिन्दल न्यूक्लियर का लक्ष्य विश्व के अग्रणी तकनीकी कंपनियों का सहयोग प्राप्त करना है ताकि नवाचार को बढ़ावा मिले और विश्वस्तरीय सुरक्षा मानकों व परिचालन उत्कृष्टता को बनाए रखा जा सके।
इस पहल के तहत निर्माण, संचालन और सहायक क्षेत्रों में हजारों रोजगार अवसर सृजित होंगे, जिससे देश के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अलावा, जिन्दल न्यूक्लियर अपने परियोजना स्थलों के आसपास शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और स्थानीय बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए भी प्रतिबद्ध है, ताकि समावेशी विकास और सामाजिक-आर्थिक प्रगति सुनिश्चित की जा सके।
जिन्दल न्यूक्लियर की यह घोषणा कार्बन डाई ऑक्साइड मुक्त बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करने और देश के औद्योगिक विकास के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जिन्दल न्यूक्लियर, जिन्दल रिन्युएबल प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी और नवीन जिन्दल समूह का हिस्सा है। यह कंपनी परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश के माध्यम से भारत के कार्बन-डाई-ऑक्साइड मुक्त ऊर्जा उत्पादन व्यवस्था के निर्माण और देश की सतत व समावेशी सामाजिक-आर्थिक वृद्धि में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।