रायपुर, 4 जनवरी 2025। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बस्तर के प्रखर पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या चचेरे भाई रितेश चन्द्राकर ने ही की थी। 32 वर्षीय पत्रकार मुकेश चंद्रकार 1 जनवरी की रात अपने घर से लापता हो गए थे। दो दिन की गहन जांच के बाद उनका शव बीजापुर के चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के बाड़े में बने एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर भी रिश्ते में मुकेश चन्द्राकर का चचेरा भाई है।
मुकेश के बड़े भाई युकेश चंद्रकार ने 2 जनवरी की रात को बीजापुर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलैंडन यार्क के नेतृत्व में तीन विशेष टीमों का गठन किया। तकनीकी जांच और पूछताछ के आधार पर पुलिस ने 3 जनवरी को चट्टान पारा स्थित सुरेश चंद्रकार के बाड़े की तलाशी ली।
सेप्टिक टैंक के नए फ्लोरिंग ने पुलिस का ध्यान खींचा। तहसीलदार और एफएसएल टीम की उपस्थिति में जब इसे खोला गया, तो उसमें से मुकेश चंद्रकार का शव बरामद हुआ। शव पर सिर, छाती, पेट और पीठ पर लोहे की रॉड से वार के गहरे निशान थे।
हत्या की वजह
जांच में सामने आया कि पत्रकार मुकेश चंद्रकार और आरोपी रितेश चंद्रकार रिश्ते में भाई थे। 1 जनवरी की रात मुकेश को ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के बाड़े में रात्रि भोजन के लिए बुलाया गया था। भोजन के दौरान पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों पर बहस हुई, जिसके बाद रितेश ने अपने सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर लोहे की रॉड से मुकेश पर हमला किया।
हमले के बाद, शव को सेप्टिक टैंक में डालकर स्लैब से बंद कर दिया गया। बाद में दिनेश चंद्रकार ने टैंक की नई फ्लोरिंग कर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की।
बता दें पत्रकार मुकेश चन्द्राकर ने ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर के द्वारा सड़क निर्माण में किये गये भ्रष्टाचार को उजागर किया था।
घटना के बाद रितेश चंद्रकार रायपुर होते हुए दिल्ली भाग गया। पुलिस ने उसे रायपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। अन्य आरोपी महेंद्र रामटेके और दिनेश चंद्रकार को बीजापुर से हिरासत में लिया गया। मुख्य साजिशकर्ता ठेकेदार सुरेश चंद्रकार अब भी फरार है।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा, हत्या में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। ठेकेदार सुरेश चंद्रकार की गिरफ्तारी के लिए टीमें तैनात हैं। उनकी संपत्तियों और बैंक खातों की जांच की जा रही है। तीन बैंक खातों को होल्ड कर दिया गया है, और अन्य खातों की जानकारी जुटाई जा रही है।
पत्रकार सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्यभर में पत्रकार संगठनों और सामाजिक संस्थाओं ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।
मुकेश चंद्रकार की हत्या ने न केवल बीजापुर, बल्कि पूरे राज्य में सनसनी मचा दी है। पुलिस की त्वरित कारर्वाई ने मामले का खुलासा तो कर दिया, लेकिन यह घटना पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।