वाशिंगटन, 13 जनवरी 2025। अमेरिकी उप रक्षा सचिव कैथलीन हिक्स ने चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल करने के लिए चार अहम सुझाव साझा किए। उन्होंने कहा कि शीर्ष प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना, निष्पादन और वितरण को प्राथमिकता देना, अमेरिका के प्रतिस्पर्धी लाभों का लाभ उठाना और अपने कार्यों एवं शब्दों पर सतर्क रहना इस प्रतिस्पर्धा में सफलता की कुंजी हैं।
वह वाशिंगटन स्थित जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में आयोजित पीआरसी से आगे बढ़ना: रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के लिए सीखे गए सबक शीर्षक से मुख्य भाषण दे रही थीं।
हिक्स ने स्पष्ट किया कि प्रतिस्पर्धा का अर्थ संघर्ष नहीं है और किसी को भी चीन के साथ सशस्त्र संघर्ष से उत्पन्न होने वाली तबाही की कामना नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि चीन का नेतृत्व हर दिन यह सोचे कि आक्रामकता का जोखिम उठाना उनके हित में नहीं है।
हिक्स ने कहा कि चीन द्वारा पेश की गई चुनौतियां नई नहीं हैं। पिछले 25 वर्षों से पेंटागन और विभिन्न प्रशासन आधुनिक सेना बनाने के चीन के प्रयासों पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के वर्तमान नीति निर्माता अपने पूर्ववर्तियों की प्रगति को आगे बढ़ाने और आवश्यक बदलावों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में अमेरिकी सेना की क्षमताओं का उल्लेख करते हुए, हिक्स ने कहा कि अमेरिका ने शुरुआत से ही स्थायी सैन्य लाभ सुनिश्चित करने के लिए जरूरी बदलाव किए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि चीन की औद्योगिक क्षमता और बौद्धिक संपदा चोरी की उन्नत तकनीकें उसे प्रतिभाशाली तेज़ अनुयायी बनाती हैं।
हिक्स ने बताया कि अमेरिका के वैश्विक गठबंधन एक बल गुणक के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा, जर्मनी और अन्य देशों के जहाज जब ताइवान जलडमरूमध्य में स्वतंत्रता और शांति का संदेश देते हैं, तो यह अमेरिका की ताकत को और मजबूत बनाता है।
अपने संदेश के अंत में हिक्स ने कहा कि अमेरिका के कार्य और शब्द निवारक होने चाहिए, न कि उकसावे वाले। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध को रोकने के लिए तैयार रहना आवश्यक है।