प्रतापगढ़, 21 अप्रैल 2025। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में जूनियर हाई स्कूल बढ़नी में कथित तौर पर 9 बीघा जमीन के घोटाले का मामला विधान परिषद तक पहुंच गया है। सोमवार 21 अप्रैल को प्रतापगढ़ भ्रमण पर पहुंची उत्तर प्रदेश विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति के समक्ष स्कूल की प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह ने इस प्रकरण को पेश किया।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी को जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है।
राजेन्द्र प्रताप सिंह ने विद्यालय समिति के प्रबंधक रमाकांत शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह का दावा है कि शुक्ला ने स्कूल की 9 बीघा जमीन को अपनी निजी संपत्ति बताकर बेच दिया, जबकि उन्हें इसका कोई अधिकार नहीं था। इस मामले में कुछ भू-माफियाओं की संलिप्तता का भी आरोप है।
यह है पूरा मामला
आवेदन में बताया गया कि जूनियर हाई स्कूल बढ़नी का संविधान स्पष्ट करता है कि स्कूल की संपत्ति अध्यक्ष के अधिकार में होती है। वर्ष 1996 से ओमप्रकाश पांडे सर्वसम्मति से स्कूल के अध्यक्ष हैं। उनके द्वारा जनहित में गाटा संख्या 9 में 3 बीघा 16 विश्वा जमीन में से 2 बीघा 16 विश्वा 1996 में जय मां दुर्गे समिति को दान की गई थी, जहां वतर्मान में राजा दिनेश सिंह कन्या इंटर कॉलेज संचालित है।
इसके अलावा, गाटा संख्या 59 की 2 बीघा जमीन डिग्री कॉलेज या गौशाला के लिए सर्वोदय सद्भावना संस्थान को दान की गई थी। इन दान पत्रों पर राजेंद्र प्रताप सिंह और रमाकांत शुक्ला के गवाह के तौर पर हस्ताक्षर हैं। फिर भी, शुक्ला ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर स्कूल की जमीन व्यक्तिगत लोगों को बेच दी।
राजेंद्र प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि शुक्ला ने चार-पांच लोगों के गिरोह के साथ मिलकर यह घोटाला किया, जिसमें सपा के कुछ नेता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस भ्रष्टाचार का विरोध किया, तो उन्हें धमकी दी गई कि 2 लाख रुपये प्रति वर्ष देने होंगे, अन्यथा स्कूल छोड़ना होगा या जान से हाथ धोना पड़ेगा। सिंह ने यह भी खुलासा किया कि उनके दादा उदित नारायण सिंह, जो बढ़नी के पूर्व प्रधान थे, ने 1952 में यह जमीन स्कूल के लिए दान की थी, जो खतौनी में स्कूल के नाम दर्ज है।
आरोपों में यह भी कहा गया कि शुक्ला और उनके सहयोगी राजा दिनेश सिंह कन्या इंटर कॉलेज की जमीन बेचने की साजिश रच रहे हैं। इस सौदे में कुछ भू-माफिया उनका साथ दे रहे हैं। सिंह ने मांग की है कि बेची गई जमीन स्कूल को वापस दिलाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
समिति ने प्रकरण को गंभीरता से लिया
वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति, जिसका नेतृत्व पवन सिंह चौहान कर रहे थे, ने इस मामले को गंभीरता से लिया। समिति ने राजेंद्र प्रताप सिंह की शिकायत को सुनने के बाद जिलाधिकारी को गहन जांच के निर्देश दिए हैं। समिति ने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया है ताकि इस भ्रष्टाचार के दोषियों को दंडित किया जा सके और स्कूल की जमीन वापस प्राप्त हो।
इस अवसर पर गंगा प्रसाद पांडे (अध्यक्ष, प्रबंधक महासभा प्रतापगढ़), डॉ. राकेश शुक्ला, अभिमन्यु सिंह, और हरिशंकर वर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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