मुंबई, 30 अगस्त 2024। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के टूटने पर महाराष्ट्र की जनता से सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर माफी मांगी। पीएम मोदी ने लिखा, महाराष्ट्र की धरती पर आते ही आज मैंने सबसे पहले मेरे आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में सिर झुकाकर क्षमा मांगी। पिछले दिनों सिंधुदुर्ग में जो हुआ, उसके लिए मैं उनसे भी क्षमा मांगता हूं, जो छत्रपति शिवाजी महाराज को पूजते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 30 अगस्त को महाराष्ट्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पालघर में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार, केंद्रीय मंत्री सबार्नंद सोनोवाल ने उनका स्वागत किया।
पालघर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने शिवाजी की प्रतिमा खंडित होने के मामले पर माफी मांगी। उन्होंने कहा, शिवाजी महाराज हम सभी के आराध्य हैं। उनकी समाधि पर प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने के लिए मैं उनके चरणों में माफी मांगता हूं। इसके साथ ही, उन्होंने वीर सावरकर को अपमानित करने वालों पर भी कड़ा प्रहार किया। पीएम मोदी ने कहा, वीर सावरकर को गालियां देने वाले माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं।
वाधवन बंदरगाह की आधारशिला रखी
पीएम मोदी ने इस दौरे के दौरान 76,000 करोड़ रुपये की वाधवन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी। इसके साथ ही, उन्होंने लगभग 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
वाधवन पोर्ट परियोजना भारत को एक विश्वस्तरीय समुद्री गेटवे बनाने के उद्देश्य से डिजाइन की गई है। यह पोर्ट बड़े कंटेनर जहाजों और विशाल मालवाहक जहाजों को संभालने में सक्षम होगा, जिससे न केवल व्यापार में वृद्धि होगी बल्कि देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
वाधवन पोर्ट भारत के सबसे बड़े गहरे पानी के पोर्ट्स में से एक होगा, जो अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट्स से सीधा जुड़ाव प्रदान करेगा और स्थानीय व्यवसायों को बड़ा प्रोत्साहन देगा।
स्थानीय व्यवसायों को मिलेगा प्रोत्साहन
वाधवन पोर्ट परियोजना न केवल अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट्स से सीधा जुड़ाव प्रदान करेगी, बल्कि स्थानीय व्यवसायों को भी महत्वपूर्ण प्रोत्साहन देगी। पीएम मोदी ने कहा कि इस परियोजना से स्थानीय व्यवसायों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा और यह क्षेत्रीय विकास में सहायक सिद्ध होगी।
इस पोर्ट में आधुनिक तकनीक और बुनियादी ढांचे का उपयोग किया जाएगा, जिसमें गहरे बर्थ और आधुनिक माल प्रबंधन सुविधाएं शामिल होंगी। इसके साथ ही, यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।