लखनऊ, 29 अप्रैल 2025। यूपी के रायबरेली में मंगलवार को जिला प्रशासन ने दिशा (जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति) की बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में उस समय हंगामा मच गया, जब अमेठी के कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा और राज्य सरकार के मंत्री दिनेश सिंह के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर तीखी नोकझोंक हो गई।
इस बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी मौजूद थे, जिनकी उपस्थिति में यह विवाद चर्चा का केंद्र बन गया।
बैठक का उद्देश्य जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करना और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा करना था। लेकिन, चर्चा तब गरमागरम बहस में बदल गई, जब सांसद किशोरी लाल शर्मा ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन पर सवाल उठाए।
जवाब में मंत्री दिनेश सिंह ने तल्ख लहजे में कहा, पहले ये तो पता कर लीजिए कि आपके अधिकार में क्या आता है, फिर समीक्षा कीजिए। आपको यही नहीं पता कि आपके अधिकार क्षेत्र में क्या है? इस टिप्पणी से माहौल तनावपूर्ण हो गया।
सूत्रों के अनुसार, किशोरी लाल शर्मा ने दिशा समिति के तहत सांसदों के अधिकारों का हवाला देते हुए अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन मंत्री दिनेश सिंह ने उनकी बात को दरकिनार करते हुए प्रशासनिक प्रक्रियाओं और नियमों का पाठ पढ़ाने का प्रयास किया। राहुल गांधी ने इस दौरान दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की और बैठक को विकास के मुद्दों पर केंद्रित रखने का आग्रह किया।
यह घटना रायबरेली और अमेठी की सियासत में नया रंग भर सकती है, क्योंकि दोनों क्षेत्र कांग्रेस के लिए पारंपरिक गढ़ रहे हैं। किशोरी लाल शर्मा, जो लंबे समय से अमेठी में कांग्रेस के वफादार कार्यकर्ता रहे हैं, हाल ही में सांसद चुने गए हैं। दूसरी ओर, दिनेश सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में प्रभावशाली मंत्री हैं और स्थानीय स्तर पर उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।
स्थानीय लोगों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रही तनातनी का भी परिणाम हो सकता है। दिशा समिति, जो सांसदों को विकास योजनाओं की निगरानी का अधिकार देती है, अक्सर केंद्र और राज्य के प्रतिनिधियों के बीच टकराव का कारण बनती रही है।