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माय-भारत प्लेटफार्म युवाओं सिंगल विंडो सिस्‍टम बनेगा, जहां वे अपनी आंकाक्षाओं को पूरा कर सकेंगे

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माय-भारत प्लेटफार्म युवाओं सिंगल विंडो सिस्‍टम बनेगा, जहां वे अपनी आंकाक्षाओं को पूरा कर सकेंगे

रायपुर, 13 नवंबर 2024। जशपुर, छत्तीसगढ़ में ‘माटी के वीर पदयात्रा’ कार्यक्रम में केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि माय-भारत प्लेटफार्म राष्ट्र निर्माण में युवाओं की आशा और आकांक्षाओं को साकार करने का एक सशक्त माध्यम है। यह आयोजन भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उनके योगदान का सम्मान करते हुए आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, और विभिन्न मंत्रियों सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

डॉ. मांडविया ने बताया कि 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में, 150 महाविद्यालयों के माय-भारत वालंटियर्स ने इस पदयात्रा का आयोजन किया है। उन्होंने माय-भारत प्लेटफार्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से युवाओं को राष्ट्र निर्माण में जोड़ने की पहल बताया और कहा कि अब तक इस प्लेटफार्म पर 1.5 करोड़ युवा पंजीकृत हो चुके हैं। उन्होंने इसे युवाओं के लिए एक ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ बताया, जहां वे अपने सपनों को पूरा करते हुए विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे सकते हैं।

मंत्री ने युवाओं के कोविड महामारी के दौरान किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सेवा करना हमारे संस्कारों का हिस्सा है, और उन्होंने आयुष्मान योजना के लिए विशेष कैंप आयोजित कर वृद्धजनों की मदद करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में जनजातीय संस्कृति की महिमा का गुणगान किया और कहा कि बिरसा मुंडा जैसे नायकों के संघर्ष और साहस ने जनजातीय समाज को गौरव प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि आज का जनजातीय समाज अपने गौरव की प्राप्ति की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के विकास कार्यों की चर्चा करते हुए इसे ‘डबल इंजन’ की सरकार का लाभ बताया और कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और जनजातीय कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।

कार्यक्रम में विभिन्न खिलाड़ियों और युवा नेताओं को सम्मानित किया गया, जिसमें पहाड़ी कोरवा महिला क्रिकेटर आकांक्षा रानी और पर्वतारोही नयना धाकड़ भी शामिल थीं। कार्यक्रम का शुभारंभ पुरना नगर मैदान से हुआ, जो विभिन्न मार्गों से होकर रणजीता स्टेडियम में समाप्त हुआ।

‘माटी के वीर पदयात्रा’ के आयोजन ने यह संदेश दिया कि युवाओं के साथ मिलकर हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर सकते हैं।