पहलगाम, 22 अप्रैल 2025। जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। बैसराणा इलाके में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 28 लोगों की जान चली गई। मृतकों में 27 पर्यटक, जिनमें भारतीय मूल के दो विदेशी नागरिक शामिल हैं, और एक स्थानीय नागरिक है।
आतंकियों ने 50 से अधिक राउंड फायरिंग की, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है। इस जघन्य हमले के बाद केंद्र सरकार और सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं, और आतंकियों के खात्मे के लिए बड़े पैमाने पर आपरेशन शुरू हो चुका है।
पहलगाम में कैसे हुआ हमला
दोपहर करीब 2:30 बजे, दो से तीन आतंकी बैसराणा इलाके में पहुंचे। उन्होंने पर्यटकों के पहचान पत्र जांचने शुरू किए और फिर बिना किसी चेतावनी के अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने लोगों से उनके नाम और धर्म पूछकर चुन-चुनकर गोली मारी।
एक चश्मदीद महिला ने बताया, मैं भेलपूरी खा रही थी, जब एक आतंकी ने मेरे पति से उनका धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। इस दौरान, एक सेना अधिकारी, जो अपने परिवार के साथ वहां घूमने आया था, ने तत्परता दिखाते हुए कई लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। यह हमला 3 से 5 मिनट तक चला, जिसके बाद आतंकी जंगल की ओर भाग गए।
सुरक्षा बलों का त्वरित जवाब
हमले की सूचना मिलते ही भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल आॅपरेशंस ग्रुप (एसओजी), और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से सर्च आपरेशन शुरू किया। सेना के 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे।
इलाके को घेर लिया गया है, और आतंकियों की तलाश में घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में अभियान तेज कर दिया गया है। लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने हमले से पहले पहलगाम के होटलों की रेकी की थी, जिसमें स्थानीय लोगों की मदद ली गई थी।
केंद्र सरकार का कड़ा रुख
हमले की खबर मिलते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें सेना, खुफिया एजेंसियों, और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बैठक में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा और जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई। इसके बाद शाह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा श्रीनगर के लिए रवाना हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सऊदी अरब के दौरे पर हैं, ने शाह से फोन पर स्थिति का जायजा लिया और कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, पहलगाम में हुआ आतंकी हमला कायरतापूर्ण और घृणित है। दोषियों को सख्त सजा मिलेगी। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं, और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्राथर्ना करता हूं।
स्थानीय और राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हमले की कड़ी निंदा की। अब्दुल्ला ने कहा, पर्यटकों पर हमला अक्षम्य है। हम पीड़ितों के साथ खड़े हैं। स्थानीय लोग तिरंगे और मोमबत्तियां लेकर सड़कों पर उतरे, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए केंद्र के कदमों का समर्थन किया।
आगे की चुनौतियां
यह हमला अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले हुआ है, जो 3 जुलाई से शुरू होने वाली है। पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, में इस तरह की घटना ने पर्यटन पर दीघर्कालिक प्रभाव डालने की आशंका पैदा की है। खुफिया एजेंसियों ने पहले ही क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों की चेतावनी दी थी, फिर भी हमला होने से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिफ मुनीर के हालिया भड़काऊ बयानों ने आतंकी संगठनों को उकसाया हो सकता है।
पहलगाम हमला न केवल एक त्रासदी है, बल्कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला है। सरकार और सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई से आतंकियों को सबक सिखाने की उम्मीद है। यह समय एकजुटता और सतकर्ता का है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। देश पीड़ितों के साथ खड़ा है, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट है।