स्वदेशी रूप से विकसित तीन 'परम रुद्र' सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित

स्वदेशी रूप से विकसित तीन ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित

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नई दिल्ली, 27 सितंबर 2024प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को सुपरकंप्यूटिंग तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत स्वदेशी रूप से विकसित तीन ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए। इन सुपरकंप्यूटरों की कुल लागत लगभग 130 करोड़ रुपये है और इन्हें पुणे, दिल्ली, और कोलकाता में तैनात किया गया है, जहां ये विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधानों में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर की तैनाती और उपयोग

  1. पुणे: पुणे में स्थापित सुपरकंप्यूटर का उपयोग विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) द्वारा किया जाएगा, जो फास्ट रेडियो बर्स्ट (FRB) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने में मदद करेगा। यह खगोल विज्ञान के क्षेत्र में भारत की अनुसंधान क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर और मजबूत करेगा।
  2. दिल्ली: दिल्ली में अंतर-विश्वविद्यालय त्वरक केंद्र (IUAC) में तैनात सुपरकंप्यूटर माध्यमिक भौतिकी, परमाणु भौतिकी और पदार्थ विज्ञान के अनुसंधान को बढ़ावा देगा, जिससे इन क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान और प्रयोगशाला स्तर पर नए प्रयोगों को अंजाम दिया जा सकेगा।
  3. कोलकाता: कोलकाता में एस.एन. बोस राष्ट्रीय केंद्र में तैनात सुपरकंप्यूटर भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उच्च स्तरीय अनुसंधान को सशक्त करेगा। इस केंद्र का उद्देश्य वैज्ञानिक समुदाय को उन्नत कम्प्यूटिंग संसाधनों का लाभ पहुंचाना है, जिससे अनुसंधान की गुणवत्ता में और सुधार होगा।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम

इन सुपरकंप्यूटरों का विकास और तैनाती, भारत के राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना और देश के वैज्ञानिक अनुसंधान के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं, जो देश की तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन

भारत सरकार द्वारा 2015 में शुरू किया गया राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) का उद्देश्य पूरे देश में उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग सुविधाओं को स्थापित करना है। इसका मुख्य लक्ष्य उन्नत विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों जैसे मौसम पूर्वानुमान, फार्मास्यूटिकल्स, और खगोल विज्ञान में क्रांतिकारी प्रगति करना है।

अनुसंधान और विकास में सुधार

सुपरकंप्यूटिंग की उन्नत क्षमताओं से खगोल विज्ञान, भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान, और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान की गुणवत्ता और सटीकता में जबरदस्त सुधार होगा। साथ ही, यह वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को जटिल गणनाओं और विश्लेषण को तेजी से और सटीक रूप से निष्पादित करने में सक्षम करेगा, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में भारत की तकनीकी श्रेष्ठता को बढ़ावा देगा।

परम रुद्र सुपरकंप्यूटर का शुभारंभ भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। यह परियोजना न केवल उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सशक्त करेगी, जिससे देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और मजबूत कदम उठाने में मदद मिलेगी।