पारुल सोलेमन थी आरओ एआरओ पेपर लीक मामले की मास्टरमाइंड

पारुल सोलेमन थी आरओ एआरओ पेपर लीक मामले की मास्टरमाइंड

Prayagraj

बिशप जानसन गर्ल्स कॉलेज में प्रिंसीपल के पद पर पदस्थ थीं पारुल सोलेमन

प्रयागराज, 26 सितंबर 2024। पारुल सोलेमन थी आरओ एआरओ पेपर लीक मामले की मास्टरमाइंड सोलेमन ने फरवरी 2024 में हुए समीक्षा और सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा के दौरान पेपर लीक कराया था। पारूल सोलेमन उस समय प्रयागराज में बिशप जानसन गर्ल्स कॉलेज में प्रिंसीपल के पद पर पदस्थ थीं। पारुल सोलेमन ने यह काम इतनी बारीकी से किया था कि कोई उनके ऊपर शक न कर सके। अंतत: पेपर लीक कांड की जांच कर रही यूपी एसटीएफ की लखनऊ इकाई ने 26 सितंबर को पारूल सोलेमन को गिरफ्तार कर लिया।

पेपर लीक की घटना के सात महीने बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम की लखनऊ यूनिट को यह बड़ी कामयाबी मिली है। एसटीएफ की टीम ने प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में प्रयागराज की बिशप जानसन गर्ल्स कॉलेज की प्रिंसिपल रही पारुल सोलोमन को उनके घर से गिराफ्तार किया।

जांच में यह तथ्य सामने आया कि पारुल सोलेमन ने ही पूर्व में पकड़े गए लोगों को कालेज में नियुक्त किया था, जो पेपर लीक मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।

पूर्व में पकड़े गए चार अभियुक्त अर्पित और विनीत यशवंत बिशप जानसन गर्ल्स कॉलेज में परीक्षा का काम देखते थे। इन लोंगो ने ही समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के प्रश्न पत्र वाट्स एप से कई जगहों पर भेजा था, जिसकी पूरी जानकारी प्रिंसिपल पारुल सोलेमन को थी।

पारुल के खिलाफ प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में मुकदमा दर्ज था। एसटीएफ ने लम्बी पूछ-ताछ के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया। उनके दो मोबाइल को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। फॉरेंसिक जांच में मोबाइल से डीलिट किये गए डेटा को रिकवर किया जाएगा, जिससे और भी तथ्य सामने आ सकते हैं।

समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारम्भिक परीक्षा 11 फरवरी 2024 को राज्य भर में आयोजित की गई थी। बड़े पैमाने पर प्रश्न पत्र लीक होने की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने दो मार्च को यह परीक्षा रद्द कर दी थी। एसटीएफ ने पेपर लीक के मामले में अरुण कुमार सिंह और सौरभ शुक्ला को गिरफ्तार किया था, जो प्रतापगढ़ के मूल निवासी हैं।

पहले दोनों को एसटीएफ मुख्यालय बुलाया गया, जहां पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ के मुताबिक दोनों को परीक्षा से एक दिन पहले अपने फोन पर एक दूसरे ‘मास्टरमाइंड’ से पेपर की प्रति मिली थी। इसके बाद दोनों ने पेपर दूसरों को भेज दिया था और इसके लिए पैसे लिये थे।