प्रतापगढ़ के युवा पवन पांडेय ने प्रतियोगी परीक्षा के प्रतिभागियों के लिए बताए सफलता के सूत्र
प्रतापगढ़, 9 जनवरी 2025। ये सफलता की कहानी 2023 बैच के आईएएस पवन पांडेय की है। उन्होेंने 10 से 11 घंटे प्रतिदिन सेल्फ स्टडी की और महज 22 साल की उम्र में यूपीएएसी क्लीयर कर आईएएस बन गये। पवन पांडेय ने प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के लिए सफलता का सूत्र साझा करते हुए कहा कि जीवन का लक्ष्य तय करें और उसे हासिल करने के लिए पूरी उर्जा लगा दें, सफलता हर हाल में मिलेगी।
कौन हैं पवन पांडेय
पवन पांडेय यूपी के प्रतापगढ़ जिले में कोहंडौर क्षेत्र के बरौली गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता शिवूपजन पांडेय प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं। पवन ने 2023 सत्र की यूपीएससी परीक्षा सेलेक्ट की है।
प्रयागराज में रहकर पवन ने यूपीएससी की तैयारी की। बगैर किसी कोचिंग का सहारा लिए उन्होंने प्रतिदिन 10 से 11 घंटे की सेल्फ स्टडी की और पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्लीयर कर लिया।
पवन ने बिना किसी कोचिंग के अपनी मेहनत और लगन से तैयारी की और ग्रुप ए के अधिकारी के तौर पर चुना गया। पवन की कहानी उन सभी प्रतियोगियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो कठिन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
खुद पर नहीं हुआ यकीन
पवन पांडेय बताते हैं कि पहले उन्हें खुद पर यकीन नहीं हो रहा था कि वह यूपीएससी जैसी परीक्षा में सफल हो पाएंगे। पर उनकी 10 से 11 घंटे की मेहनत ने उन्हें सफलता दिला दी। वह बरौली गांव के पहले ऐसे युवा हैं जिनका चयन यूपीएससी में हुआ है।
पिता से मिली प्रेरणा
पवन पांडेय के पिता शिवपूजन पांडेय ने भी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी प्रयागराज में रहकर की थी। पर वह सफल नहीं हो पाये थे। अंतत: उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी को ज्वाइन कर लिया। शिवपूजन तब यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे तो उस समय उनके साथ रहने वाले सभी साथियों का सेलेक्शन यूपीएससी में हो गया था, इसकी ग्रुप फोटो उनके पास थी।
इस ग्रुप फोटो को शिवपूजन अपने बेटे पवन पांडेय को दिखाया करते और बताते थे उनके सभी साथी यूपीएससी क्लीयर कर लिये पर वह सफल नहीं हो सके थे। पिता की इसी तस्वीर से पवन को प्रेरणा मिली और कठिन परिश्रम से उन्होंने यूपीएससी क्लीयर कर पिता को सरप्राइज दिया।