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अंबुजा सीमेंट की चूना पत्थर खदान के विस्तार का रास्ता साफ, जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी

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क्षमता विस्तार से स्थानीय रोजगार, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे में होगा व्यापक सुधार

बलौदाबाजार, 20 जनवरी 2025। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में अंबुजा सीमेंट की चूना पत्थर खदान के विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। सोमवार 20 जनवरी को पर्यावरण स्वीकृति के संबंध में जनसुनवाई ग्राम मोपर के शासकीय हाई स्कूल में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई।

जनसुनवाई में आए 99% लोगों ने परियोजना का समर्थन किया। उपस्थित ग्रामीणों ने इसे क्षेत्र में रोजगार, बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने वाली पहल के रूप में सराहा। जनसुनवाई का संचालन पीठासीन अधिकारी सुश्री दीप्ति गौते-अतिरिक्त जिला कलेक्टर, बलौदाबाजार, अभिषेक गुप्ता-अतिरिक्त जिला कलेक्टर, भाटापारा और क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी पीके रबड़े की उपस्थिति में किया गया। इसमें सैकड़ों स्थानीय निवासियों, समुदायिक प्रतिनिधियों, और प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

जनसुनवाई में प्रस्तुत पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन रिपोर्ट और पर्यावरण प्रबंधन योजना के अनुसार, खदान की उत्पादन क्षमता को 2 मिलियन टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 6.3 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है। खदान का विस्तार बोईरडीह, कमर्डीह, मालदी, मोपर, और देवरानी के क्षेत्रों में होगा, जो कुल 553.656 हेक्टेयर में फैला है। इस परियोजना के तहत मौजूदा क्रशर के साथ 1800 टन प्रति घंटा क्षमता के एक नए क्रशर की स्थापना की जाएगी, जिससे कुल उत्खनन 11.02 मिलियन टन प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगा।

स्थानीय समुदाय का पूर्ण समर्थन

महिलाओं ने अंबुजा फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों की सराहना की, जबकि युवाओं और बुजुर्गों ने रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर बढ़ने की उम्मीद जताई।

रोजगार और कौशल विकास के अवसर बढ़ेंगे

अंबुजा सीमेंट के माइन्स हेड मनोज शंकर सिंह ने उपस्थित जनता को बताया कि इस परियोजना से खदान से सटे गांवों में युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी के कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से ई-वाहन मरम्मत, तकनीकी प्रशिक्षण, और रोजगारोन्मुख स्किल्स प्रदान किए जाएंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि अंबुजा फाउंडेशन महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देगा, जिसके अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इन पहलों से महिलाओं को स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। इसके अलावा, टिकाऊ कृषि तकनीकों, सड़क सुधार, और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

अंबुजा सीमेंट के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे

इस महत्वपूर्ण अवसर पर अंबुजा सीमेंट लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें प्रतीक पांडेय – हेड, कॉर्पोरेट अफेयर्स, वैभव दीक्षित सीएमओ, मनोज शंकर सिंह माइंस हेड, और पुष्कर चौधरी- एचआर हेड उपस्थित थे। इनके साथ ही एचआर, एडमिन, सीएसआर, लैंड एवं लाइजन टीम के सदस्य भी मौजूद थे। अधिकारियों ने विस्तार परियोजना के लाभ और कंपनी की सामाजिक और पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के बारे में जानकारी साझा की।

पर्यावरण संरक्षण की पहल

पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए कंपनी 238.97 हेक्टेयर क्षेत्र का 34.8% हिस्सा ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करेगी। यह पहल न केवल वायु गुणवत्ता में सुधार करेगी, बल्कि जैव विविधता को भी बढ़ावा देगी।

समग्र ग्रामीण विकास में योगदान

अंबुजा फाउंडेशन पिछले दो दशकों से आसपास के 13 गांवों में समग्र विकास के लिए जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में काम कर रहा है। इन पहलों से अब तक 26,000 से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं।

अंबुजा सीमेंट ने परियोजना विस्तार के तहत कौशल विकास कार्यक्रम जैसे ई-वाहन मरम्मत प्रशिक्षण, सड़क सुधार, और कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने की भी योजना बनाई है। कंपनी की यह प्रतिबद्धता क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

प्रशासन की उम्मीदें

इस सफल जनसुनवाई ने स्थानीय समुदाय और प्रशासन को परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन की दिशा में आश्वस्त किया है। इस पहल से क्षेत्र का समग्र विकास और समृद्धि सुनिश्चित होगी।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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