प्रतापगढ़ में पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड-2 के ईई को डीएम ने लगाई फटकार, ठेकेदारों का नहीं कर रहे थे भुगतान

प्रतापगढ़ में पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड-2 के ईई को डीएम ने लगाई फटकार, ठेकेदारों का नहीं कर रहे थे भुगतान

Pratapgarh

प्रतापगढ़, 12 अक्टूबर 2024। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड-2 के अधिशासी अभियंता ब्रजमोहन सिंह की कार्यशैली और लापरवाही इन दिनों सुर्खियों में है। 11 अक्टूबर को डीएम संजीव रंजन ने पीडब्ल्यूडी द्वारा कराए जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।

समीक्षा के दौरान पता चला कि जिन ठेकेदारों ने पीडब्ल्यूडी के तहत विभिन्न परियोजनाओं में कार्य किया था, उन्हें अब तक उनके भुगतान नहीं किए गए हैं। जब डीएम ने इस बारे में निर्माण खंड-2 के अधिशासी अभियंता ब्रजमोहन सिंह से स्पष्टीकरण मांगा, तो अभियंता स्पष्ट जानकारी देने में असमर्थ रहे। इस स्थिति से नाराज डीएम ने अभियंता को प्रतिकूल प्रविष्टि देने और इस मामले की जानकारी उच्च स्तर पर भेजने का निर्देश दिया।

बैठक के दौरान, डीएम संजीव रंजन ने देखा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा गड्ढामुक्ति का कार्य चल रहा था, लेकिन यह कार्य मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया। इस पर डीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अधिशासी अभियंता को सख्त निर्देश दिए कि वे स्वयं मौके पर जाकर कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करें और गड्ढामुक्ति का काम सही तरीके से करवाएं।

डीएम की इस सख्ती से पीडब्ल्यूडी विभाग में हड़कंप मच गया है। डीएम ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कार्य की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। डीएम ने अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया कि वे तुरंत मौके पर जाकर निर्माण कार्य की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि सभी कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे हों।

प्रतापगढ़ जिले में पीडब्ल्यूडी के कार्यों में हो रही अनियमितताओं और देरी के चलते यह मामला अब प्रशासन के ध्यान में आया है। डीएम संजीव रंजन की सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि निर्माण कार्यों में सुधार होगा और ठेकेदारों को भी उनका उचित भुगतान समय पर मिलेगा।

प्रतापगढ़ में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता की लापरवाही के कारण विकास कार्यों में हो रही देरी और अनियमितताओं को लेकर डीएम की सख्त कार्रवाई ने प्रशासनिक ढांचे में सुधार की उम्मीद जताई है। जिलाधिकारी की इस त्वरित और कड़ी कार्रवाई से अब यह देखा जाएगा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता कैसे सुनिश्चित होती है।