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प्रतापगढ़ के वीर सपूत की धोनी संग तस्वीर वायरल

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प्रतापगढ़, 6 अप्रैल 2025। रविवार 6 अप्रैल 2025 की सुबह का सूरज जब धीरे-धीरे आसमान में चढ़ रहा था, उसी वक्त प्रतापगढ़ का एक साहसी लाल, भारतीय वायुसेना का गौरव, रामकुमार तिवारी, हमें छोड़कर अनंत में विलीन हो गया।

सोशल मीडिया पर रामकुमार की एक तस्वीर ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। यह तस्वीर भारतीय क्रिकेट के सितारे महेंद्र सिंह धोनी के साथ उनकी है। जी हां, यह वही रामकुमार तिवारी थे, जिन्होंने धोनी को भी वायुसेना में पैराशूट प्रशिक्षण दिया था।

धोनी, जो खुद मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, के साथ उनकी यह तस्वीर अब लोगों के दिलों में बस गई है। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल हो रही है, और लोग लिख रहे हैं एक सच्चा साहसी, जिसने न सिर्फ जवानों को, बल्कि धोनी जैसे नायकों को भी उड़ान भरी कला सिखाई।

41 साल का यह जांबाज, जो आगरा में वायुसेना पैराट्रूपर्स प्रशिक्षण स्कूल में वारंट अफसर और प्रशिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा था, एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। पैराशूट की रस्सियां उलझ गईं, और वह 19 हजार फीट की ऊंचाई से सीधे जमीन पर आ गिरा। सिर पर गहरी चोट और बहता खून उनकी सांसों को निगल गया। अब उनके पीछे सिर्फ उनकी वीरता की कहानियां और यादें बची हैं, जो हर दिल को छू रही हैं।

रामकुमार तिवारी का जीवन आसमान की तरह ऊंचा था। वे नन्हे जवानों को पंख दे रहे थे, उन्हें आसमान में उड़ने की कला सिखा रहे थे। लेकिन नियति का खेल देखिए, वही आसमान, जिसे वे अपना घर मानते थे, आज उन्हें अपने आगोश में ले गया। 6 अप्रैल की सुबह, जब वे प्रशिक्षण दे रहे थे, तकनीकी खामी ने उनके पैराशूट को खुलने से रोक दिया। नीचे खड़े साथी उनकी ओर दौड़े, लेकिन कोई चमत्कार न हुआ। वह वीर धरती पर गिरा, और उसकी सांसें थम गईं।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

प्रतापगढ़ के बेलहा गांव का यह सपूत अब सिर्फ यादों में रह गया। उनकी पत्नी प्रीति, दो मासूम बेटे यश और कुश, और माता-पिता रमाशंकर तिवारी व उर्मिला का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी को जैसे ही यह खबर मिली, वह बेसुध हो गई। बेटों की आंखों से बहते आंसुओं ने हर किसी का कलेजा चीर दिया। पिता रमाशंकर ने कांपते होंठों से कहा, मेरा बेटा सात दिन पहले ही हंसता-मुस्कुराता ड्यूटी पर गया था। कौन जानता था कि वह अब कभी लौटेगा नहीं।

रामकुमार तिवारी की शहादत ने न सिर्फ उनके परिवार को, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया। उनकी वीरता, उनका समर्पण, और धोनी संग उनकी वह तस्वीर अब हर किसी के जेहन में बस गई है। वह आसमान का सितारा था, जो धरती पर गिरा, लेकिन उसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ेगी।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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