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चूहे और छछूंदर भी जानलेवा बीमारियों के वाहक, जागरूक रहें…

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प्रतापगढ़, 6 अप्रैल 2025। क्या आप जानते हैं कि आपके आसपास मौजूद चूहे और छछूंदर सिर्फ परेशानी का सबब नहीं, बल्कि जानलेवा बीमारियों के वाहक भी हो सकते हैं? जिला कृषि रक्षा अधिकारी अशोक कुमार ने जापानी इंसेफलाइटिस (जेई), एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस), लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस जैसी खतरनाक बीमारियों के प्रसार में इन छोटे जीवों की बड़ी भूमिका को उजागर किया है। इन संचारी रोगों से बचाव के लिए सिर्फ मच्छरों पर ध्यान देना काफी नहीं, चूहों और छछूंदरों पर भी प्रभावी नियंत्रण जरूरी है।

बीमारियों का छिपा खतरा

अशोक कुमार ने बताया कि चूहे और छछूंदर नमी, गंदगी और घास से भरे स्थानों में पनपते हैं, जहां ये बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती है। जापानी इंसेफलाइटिस के अलावा ये जीव मलेरिया, डेंगू, हेपेटाइटिस-ए, हेपेटाइटिस-बी और यहां तक कि चूहों के काटने या खरोंचने से होने वाले रैट-बाइट फीवर जैसी बीमारियों को भी फैला सकते हैं।

चूहे मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं। घरेलू चूहे (मूषक या चुहिया) जो घरों में पाए जाते हैं, और खेत के चूहे जैसे फील्ड रैट, सॉफ्ट फर्ड फील्ड रैट और फील्ड माउस, जो खेतों में रहते हैं। इनका नियंत्रण न करना सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

बचाव के आसान उपाय

अधिकारी ने जागरूकता बढ़ाते हुए बताया कि चूहों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए कुछ आसान कदम उठाए जा सकते हैं।

  • भंडारण को सुरक्षित करें: अनाज और भोज्य पदार्थों को कंक्रीट, धातु या पक्के पात्रों में रखें, ताकि चूहों की पहुंच न हो।
  • घर को करें सुरक्षित: खिड़कियों-रोशनदानों पर जाली लगाएं, दरवाजों के नीचे टायर की पट्टी या सीमेंट की चौखट बनाएं।
  • प्राकृतिक शत्रुओं का सहारा: बिल्ली, सांप, उल्लू, लोमड़ी और चमगादड़ जैसे चूहों के शिकारी जीवों को संरक्षण दें।
  • चूहेदानी का इस्तेमाल: रोटी, बिस्किट जैसे आकर्षक चारे के साथ चूहेदानी लगाकर इन्हें पकड़ें और खत्म करें।
  • रासायनिक नियंत्रण: ब्रोमोडियोलॉन 0.005% के 10 ग्राम चारे को चूहों के बिल में डालें या एल्युमिनियम फॉस्फाइड की 3-4 ग्राम मात्रा डालकर बिल बंद करें, जिससे फॉस्फीन गैस चूहों को मार देगी।

प्रकृति से भी लें मदद

घर के बाहर कैक्टस और झाड़ीदार पौधे लगाने से चूहे अंदर नहीं घुसते। साथ ही, मच्छरों से बचाव के लिए तुलसी, गेंदा, पिपरमिंट, लेमनग्रास और जंगली तुलसी जैसे मच्छर-रोधी पौधे लगाएं। ये छोटे कदम न सिर्फ चूहों और छछूंदरों को दूर रखेंगे, बल्कि आपके परिवार को संचारी रोगों से भी बचाएंगे।

जागरूक बनें, सुरक्षित रहें

अशोक कुमार ने अपील की कि स्वच्छता और सावधानी ही इन बीमारियों से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। घर और आसपास की सफाई रखें, गंदगी और नमी को हटाएं, और चूहों-छछूंदरों पर नजर रखें। आपका एक छोटा प्रयास आपके परिवार की सेहत को बड़ा संबल दे सकता है।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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