सरगुजा मे पुलिस की संयमित कार्यवाही से टला दंगा

  • आंदोलनकारियों के हमले में टीआई, एसआई, प्रधान आरक्षक, कोटवार सहित 6 पुलिसकर्मी घायल

रायपुर, 17 अक्टूबर 2024। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले मे परसा कोल खदान के संचालन की प्रक्रिया को लेकर गुरुवार को पुलिस और आंदोलकारियों के बीच भिडंत हो गयी। इस दौरान आंदोलनकारियों के हमले में टीआई, एसआई, प्रधान आरक्षक, कोटवार सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हो गये।

यहां पुलिस की संयमित प्रतिक्रिया के चलते मामला संभल गया नहीं तो बड़ा दंगा हो सकता था। बता दें राजस्थान सरकार को सरगुजा मे तीन खदाने आवंटित है जिसमे से सिर्फ पीईकेबी खदान 2013 से कार्यरत है जिसके चलते जिले मे करीब 10,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुए है ।

स्थानीय लोगों ने अनेक बार जिला और राज्य प्रशासन को बाहरी लोगों द्वारा राजस्थान की खदानों का विकास और अबाधितरूप परिचालन को रोकने के प्रयास के विरुद्ध ज्ञापन सौंपा है । बताया जा रहा है कि सरगुजा जिले के परसा कोल ब्लॉक में पुलिस के बल पर पेड़ों की कटाई हो रही है।

सैंकड़ों ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे। इसी को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस वालों पर तीर-धनुष, गुलेल और पत्थरों से हमला कर दिया। हमले में टीआई, एसआई, प्रधान आरक्षक, कोटवार सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए। घटना के बाद से परसा गांव छावनी में बदल गया है।

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन कर रहा है विरोध

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने कहा कि, परसा कोल ब्लॉक के लिए वन और पर्यावरणीय स्वीकृतियां फर्जी दस्तावेजों पर आधारित है। जिन्हें तत्काल रद्द करना चाहिए। हसदेव के प्राचीन और अविघटित वन मध्य भारत का फेफड़ा कहलाते हैं।

यहां के पेड़ और नदी, नाले ही मध्य और उत्तर छत्तीसगढ़ में स्वच्छ जल वायु उत्पन्न करने का काम करते हैं। यहां के आदिवासियों ने सदियों से इन जंगलों को सुरक्षित रखा है, जिस कारण आज भी बिलासपुर और कोरबा जैसे शहरों में पीने का पानी मिल रहा है।