प्रतापगढ़, 4 जनवरी 2025। माता सावित्रीबाई फुले की 194वीं जयंती के अवसर पर प्रतापगढ़ में भव्य आयोजन हुआ, जिसमें उनके जीवन और योगदान को याद करते हुए समाज सुधार और नारी शिक्षा के महत्व पर चर्चा की गई। सम्राट अशोक महान पुस्तकालय के परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम ने करुणा, मैत्री और धम्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ भंते अश्वजीत और भंते शांति मित्र ने बुद्ध वंदना, त्रिशरण एवं पंचशील से किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. मीनाक्षी मौर्य ने माता सावित्रीबाई फुले के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित करते हुए उनके जीवन को नारी शिक्षा और सामाजिक सुधार के संघर्ष की प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा, नारी शिक्षा और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
विशिष्ट अतिथि डॉ. सुष्मिता मौर्य ने बालिका शिक्षा और महिलाओं की सहभागिता पर बल देते हुए समाज में सोच बदलने की आवश्यकता जताई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शिव मूर्ति लाल मौर्य ने माता सावित्रीबाई फुले और महात्मा ज्योतिबा राव फुले के जीवन संघर्षों का उल्लेख करते हुए उनके सहयोगी फातिमा शेख के योगदान को भी सराहा।
संचालन कर रहे राकेश कनौजिया ने कहा, माता सावित्रीबाई फुले का योगदान नारी जगत ही नहीं, पूरे राष्ट्र को प्रेरणा प्रदान करता है। उनके प्रयास आज भी समाज में बदलाव लाने की ऊर्जा देते हैं।
कार्यक्रम की संयोजिका अनीता बसंत मौर्य ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर रामलली मौर्य, राम सजीवन सरोज, राम आधार पटेल, डॉ सचिन मौर्य, सौम्या, अनारकली, उर्मिला, डेजी गुप्ता, रंजना विश्वकर्मा, स्वाति, गायत्री, मीना मौर्य, कविता यादव, निशांत, प्रतिमा मौर्य, प्रशांत मौर्य, गीता मौर्य, विकास मौर्य, राजेंद्र कुमार, आचार्य उमेश चंद्र, कुलदीप कुमार, सुनीता, राम प्यारी, जीत लाल, शेर बहादुर समेत बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्तियों और समाजसेवियों की उपस्थिति रही।