नई दिल्ली, 22 नवंबर 2024। सीमा और सुमन महिला कांस्टेबल नहीं बल्कि मानवता की देवी हैं। दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा देवी और सुमन हुड्डा ने अपने कर्तव्य और संवेदनशीलता की अनूठी मिसाल पेश की है। इन दोनों महिला पुलिसकर्मियों ने 9 महीने की अवधि में 104 लापता बच्चों को खोजकर उनके परिवारों से मिलवाया। उनके इस मानवीय और संवेदनशील प्रयास ने न केवल परिवारों को राहत दी है, बल्कि यह साबित किया है कि पुलिस का कार्य सिर्फ कानून और व्यवस्था तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के प्रति एक गहरी जिम्मेदारी भी है।
हेड कांस्टेबल सीमा देवी ने कहा, मैं एक मां हूं और उन माता-पिता का दर्द समझ सकती हूं, जिनके बच्चे लापता हो जाते हैं। यही कारण है कि हमने इन बच्चों को खोजने में विशेष रुचि ली। सीमा और सुमन ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और भावनाओं को अपने कार्य का आधार बनाकर इस चुनौतीपूर्ण मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
उनकी टीम ने विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी, गहन खोज अभियान, और तकनीकी सहायता का उपयोग करके बच्चों को खोजने का कार्य किया। उनका यह प्रयास एक मां की ममता और एक पुलिसकर्मी के कर्तव्य का बेहतरीन संगम है।
बच्चों को खोजने का कार्य कई बार बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है। कई बच्चे बड़े शहरों में बिछड़ जाते हैं, तो कुछ मानव तस्करों का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में बच्चों को ढूंढकर उन्हें सही सलामत उनके घर पहुंचाना एक कठिन और संवेदनशील प्रक्रिया है।
संगठनों ने भी दिया सीमा और सुमन का साथ
सीमा और सुमन ने बच्चों की लोकेशन ट्रेस करने के लिए आधुनिक तकनीक का भी सहारा लिया। कई मामलों में स्थानीय समुदायों और संगठनों ने भी उनका साथ दिया।
104 बच्चों को उनके परिवार से मिलवाने का यह मिशन न केवल इन पुलिसकर्मियों की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह उन माता-पिता के लिए भी एक आशा की किरण है, जिनके बच्चे लापता हो गए हैं। यह समाज के हर व्यक्ति के लिए एक संदेश है कि संवेदनशीलता, समर्पण और एकजुटता से हर समस्या का समाधान संभव है।