बांदा, 25 अप्रैल 2025। बांदा के कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय महिला आयोग और दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में सी इज द चेंजमेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस एकदिवसीय मंडलीय कार्यशाला में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों की लगभग 330 निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिला जनप्रतिनिधियों की नेतृत्व क्षमता को बढ़ाना और उन्हें सामाजिक बदलाव की वाहक के रूप में सशक्त करना था।
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान, सदस्य राज्य महिला आयोग डॉ. प्रियंका मौर्या, उपनिदेशक दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान श्रीमती नीरजा गुप्ता, राम अवतार सिंह (पी.पी.एस., राष्ट्रीय महिला आयोग), सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती ज्योति मिश्रा, और परियोजना समन्वयक डॉ. सर्वेश कुमार पाण्डेय ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। कु. सिद्धि पाण्डेय ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की, जिसके बाद मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों का पुष्प गुच्छ और प्रतीक चिह्न देकर स्वागत किया गया। स्वागत भाषण में डॉ. सर्वेश पाण्डेय ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि श्रीमती विजया रहाटकर ने अपने संबोधन में कहा, सी इज द चेंजमेकर सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक विचार, पहचान और क्रांति है। यह उस महिला की कहानी है जो निर्भीकता से निर्णय लेती है, गांव की चौपाल से पंचायत की बैठक तक अपनी आवाज बुलंद करती है, और समाज के जड़त्व को तोड़कर नई दिशा में कदम बढ़ाती है।
उन्होंने बुंदेलखंड के लिए एक विशेष घोषणा करते हुए कहा कि प्रत्येक जनपद से पांच उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला जनप्रतिनिधियों को राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा ब्रांड एम्बेसडर के रूप में सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने बुंदेलखंड की प्रमुख समस्या जल संकट पर ध्यान देते हुए जनप्रतिनिधियों से जल संरक्षण को अपनी विकास योजनाओं में प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यशाला महिला जनप्रतिनिधियों की भूमिका को और प्रभावी बनाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी पहल महिलाओं को न केवल सशक्त करती हैं, बल्कि समाज में समावेशी विकास को भी बढ़ावा देती हैं।
कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में डॉ. प्रियंका मौर्या और श्रीमती ज्योति मिश्रा ने मोबाइल उपयोग, प्रभावी संवाद, और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। इन सत्रों में प्रतिभागियों को डिजिटल साक्षरता और सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के बारे में प्रशिक्षित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अखिलेश पाण्डेय, आई.ई.सी. विशेषज्ञ (अटल भूजल योजना), ने कुशलतापूर्वक किया।
आभार प्रदर्शन वेद प्रकाश सिंह, आचार्य, क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान, मिर्जापुर, ने किया। इस आयोजन में श्रीमती सीमा राठौर (सहायक निदेशक, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ), विपिन कुमार (जिला प्रशिक्षण अधिकारी, हमीरपुर), जिला ग्राम्य विकास संस्थान बांदा के कमर्चारी, अटल भूजल योजना के स्टाफ, और कृषि विश्वविद्यालय के कमर्चारियों का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम की देखरेख जिला प्रशिक्षण अधिकारी बांदा, ज्ञानेंद्र सिंह ने की।