रायपुर में शिवसेना शिंदे के पदाधिकारियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

गरबा कार्यक्रमों में अश्लील गानों पर रोक और गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक की मांग

Chhattisgarh

रायपुर, 30 सितंबर 2024। शिवसेना शिंदे की रायपुर जिला इकाई ने गरबा कार्यक्रमों के दौरान अश्लील गानों और गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए कलेक्टर गौरव सिंह को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में विभिन्न मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है, ताकि गरबा जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों की गरिमा बनी रहे और उसमें किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियों को जगह न मिल सके।

युवासेना जिलाध्यक्ष संजय सोनकर ने बताया कि हाल के वर्षों में गरबा कार्यक्रमों में कुछ ऐसी प्रवृत्तियां सामने आई हैं, जो धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती हैं। इन कार्यक्रमों में अमर्यादित गानों का बजना, असामाजिक तत्वों की भागीदारी, और कुछ कार्यक्रमों में गैर-हिंदू व्यक्तियों का प्रवेश देखा गया है, जिससे शिवसेना के कार्यकर्ता और अन्य धार्मिक संगठनों में नाराजगी बढ़ी है। शिवसेना शिंदे पक्ष ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधीश से सख्त कदम उठाने की अपील की है।

ज्ञापन देने मुख्यरूप से जिलाप्रभारी आशीष परिडा, किशन साहू, देवराज साहू, गिरिराज देवांगन, महावीर यादव, तरुण डाउंडेकर, लक्की सिन्हा, टीकम कन्नौजे, निलेशवर निषाद एवं अधिक संख्या मे शिवसैनिक उपस्थित हुए। ज्ञापन में युवासेना जिलाध्यक्ष संजय सोनकर और अन्य नेताओं ने विभिन्न मांगों को विस्तार से प्रस्तुत किया। प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

अश्लील और अमर्यादित गानों पर पूर्ण प्रतिबंध

गरबा के दौरान बजने वाले गानों की सूची में कुछ गाने ऐसे होते हैं, जो पूरी तरह से सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों के खिलाफ होते हैं। शिवसेना ने इस प्रकार के गानों को तुरंत बंद करने की मांग की है और कहा है कि गरबा एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जहां केवल पारंपरिक और धार्मिक गानों को ही अनुमति दी जानी चाहिए।

अमर्यादित वेशभूषा पर रोक

गरबा में भाग लेने वाले कई लोगों की वेशभूषा आजकल पारंपरिक से हटकर अमर्यादित होती जा रही है। युवासेना ने मांग की है कि गरबा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों के लिए पारंपरिक वेशभूषा को अनिवार्य किया जाए, ताकि आयोजन की पवित्रता बनी रहे।

असामाजिक तत्वों की रोकथाम

शिवसेना ने मांग की है कि गरबा कार्यक्रमों में असामाजिक तत्वों की भागीदारी को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं। ऐसे लोग जो किसी भी प्रकार से आयोजन में अशांति फैलाने का प्रयास कर सकते हैं, उन्हें कार्यक्रम स्थल से दूर रखा जाए।

गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध

युवासेना ने गरबा आयोजनों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर भी रोक लगाने की मांग की है। उनका मानना है कि यह धार्मिक आयोजन विशेष रूप से हिंदू समुदाय से संबंधित है, और अन्य धर्मों के लोगों का प्रवेश आयोजन की पवित्रता को प्रभावित कर सकता है। इसीलिए प्रवेश द्वार पर तिलक लगाने की व्यवस्था की मांग की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल हिंदू धर्मावलंबी ही आयोजन में भाग लें।

समय सीमा और ध्वनि नियंत्रण

शिवसेना ने यह भी मांग की है कि गरबा कार्यक्रमों के लिए एक निर्धारित समय सीमा होनी चाहिए। रात के 10 बजे के बाद किसी भी प्रकार के ध्वनि यंत्रों का उपयोग न किया जाए, ताकि ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके और स्थानीय लोगों को परेशानी न हो।

नशे में धुत लोगों का प्रवेश रोकें

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि किसी भी प्रकार के नशे में लिप्त व्यक्तियों का गरबा आयोजन में प्रवेश न हो। शिवसेना का मानना है कि इस प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नशे की कोई जगह नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे कार्यक्रम की गरिमा कम होती है।

ज्ञापन सौंपने के दौरान कई प्रमुख शिवसैनिक और कार्यकर्ता उपस्थित थे। जिलाध्यक्ष संजय सोनकर के साथ जिलाप्रभारी आशीष परिडा, किशन साहू, देवराज साहू, गिरिराज देवांगन, महावीर यादव, तरुण डाउंडेकर, लक्की सिन्हा, टीकम कन्नौजे, निलेश्वर निषाद सहित कई अन्य प्रमुख शिवसैनिकों ने इस आंदोलन का समर्थन किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि गरबा जैसे आयोजनों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया है।

इस ज्ञापन के बाद समुदाय के विभिन्न वर्गों से प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह शिवसेना का एक सकारात्मक प्रयास है, जो गरबा आयोजनों की गरिमा को बनाए रखने के लिए जरूरी है। वहीं, कुछ लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने से सामाजिक सौहार्द पर असर पड़ सकता है। हालांकि, शिवसेना ने स्पष्ट किया है कि यह कदम किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आयोजनों की शुद्धता को बनाए रखने के लिए है।

कलेक्टर कार्यालय से इस ज्ञापन पर त्वरित प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन जल्द ही इस मामले पर उचित कार्रवाई करने के लिए एक विशेष बैठक आयोजित कर सकता है, जिसमें विभिन्न गरबा समितियों के प्रतिनिधियों और पुलिस अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।

शिवसेना शिंदे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया, तो वे आगामी दिनों में बड़े स्तर पर आंदोलन कर सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि गरबा जैसे धार्मिक आयोजनों की पवित्रता को बनाए रखना उनका मुख्य उद्देश्य है और वे इसके लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।

रायपुर में शिवसेना शिंदे द्वारा गरबा कार्यक्रमों में अश्लील गानों और गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग के साथ जिलाधीश को सौंपे गए ज्ञापन ने स्थानीय समाज में एक नई चर्चा शुरू कर दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मांग पर क्या कदम उठाता है और आने वाले दिनों में गरबा आयोजनों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।