रायपुर, 10 दिसंबर 2024। जीवन में सफलता की राह अक्सर कठिन होती है, लेकिन यदि उद्देश्य स्पष्ट हो और मेहनत ईमानदार, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। मनीष मोहता और उनकी कंपनी लर्निंग स्पाइरल प्राइवेट लिमिटेड की कहानी इसी बात का प्रमाण है। शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले मनीष की यह यात्रा न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाती है कि एक मजबूत विचार और दृढ़ संकल्प कैसे बदलाव ला सकता है।
एक विचार जिसने बदल दी परीक्षा प्रणाली
मनीष मोहता ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई दिल्ली कॉलेज आफ इंजीनियरिंग से की। अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने महसूस किया कि भारत की पारंपरिक परीक्षा प्रणाली में कई खामियां हैं। मनीष कहते हैं, परीक्षाओं के आयोजन में अकादमिक कैलेंडर का 50-60% हिस्सा खर्च हो जाता था, जिससे छात्रों के पास सीखने के लिए सीमित समय बचता था।
इसी समस्या का समाधान खोजने के उद्देश्य से उन्होंने वर्ष 2000 में लर्निंग स्पाइरल प्राइवेट लिमिटेड की नींव रखी। उस समय, उनके पास केवल 1.85 लाख रुपये की पूंजी थी, लेकिन उनकी सोच बड़ी थी। उन्होंने तीन दोस्तों के साथ मिलकर काम शुरू किया और अपनी कंपनी को परीक्षा समाधान क्षेत्र में अग्रणी बना दिया।
तकनीक ने बनाया कुशल और पारदर्शी प्रणाली
मनीष और उनकी टीम ने तकनीक आधारित परीक्षा प्रक्रियाओं को विकसित किया। इन प्रक्रियाओं ने पारंपरिक परीक्षा प्रणाली की खामियों को दूर किया और इसे तेज, पारदर्शी और कुशल बनाया। उनकी मेहनत का नतीजा यह है कि आज लर्निंग स्पाइरल का वार्षिक टर्नओवर 31 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
कंपनी ने छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक ऐसा मंच तैयार किया, जो न केवल समय की बचत करता है, बल्कि परीक्षाओं को सुचारू और निष्पक्ष भी बनाता है।
चुनौतियों का सामना और सफलता की शुरुआत
शुरुआत में, शैक्षणिक संस्थानों को नई तकनीक अपनाने के लिए राजी करना एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन मनीष ने हार नहीं मानी। उन्होंने लगातार प्रयास किए और अपनी तकनीक की उपयोगिता को साबित किया।
उनके शुरुआती ग्राहकों में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे प्रमुख संस्थान शामिल थे। इन संस्थानों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया ने कंपनी को न केवल गति दी, बल्कि उन्हें एक नई पहचान भी दिलाई।
पारिवारिक उद्यम से प्रेरणा
मनीष, मोहता ग्रुप आफ कंपनीज के दूसरे पीढ़ी के उद्यमी हैं। उन्होंने अपने परिवार के व्यावसायिक अनुभव और समझ का उपयोग लर्निंग स्पाइरल को विस्तार देने में किया। उनकी उद्यमशीलता की सोच और समस्याओं को सुलझाने की क्षमता ने उन्हें शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया।
प्रेरणा और सीख
मनीष मोहता की कहानी से हमें कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं:
- समस्या पहचानें और समाधान की दिशा में काम करें: मनीष ने परीक्षा प्रणाली की खामियों को समझा और इसे सुधारने का प्रयास किया।
- छोटी शुरुआत से बड़ी सफलता: मात्र 1.85 लाख रुपये के निवेश से शुरू हुई कंपनी आज करोड़ों का व्यवसाय कर रही है।
- कड़ी मेहनत और नवाचार: तकनीक और नई सोच के साथ उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में सुधार किया।
- चुनौतियों से न डरें: शैक्षणिक संस्थानों को तकनीक अपनाने के लिए तैयार करना मुश्किल था, लेकिन उनके प्रयास सफल रहे।
मनीष मोहता और लर्निंग स्पाइरल की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक साधारण विचार, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ, बड़ी सफलता में बदल सकता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि यदि हम किसी समस्या का समाधान करने के लिए दृढ़ निश्चय कर लें, तो हमारे पास दुनिया को बदलने की ताकत है।
शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में मनीष का योगदान न केवल उनकी कंपनी की सफलता है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है।