प्रतापगढ़, 27 फरवरी 2025। समाज में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो अपनी मेहनत, ईमानदारी और सेवा भावना से न सिर्फ अपने नाम को अमर कर जाते हैं, बल्कि अपनी कमर्भूमि और जन्मभूमि को भी गौरवान्वित करते हैं। स्वर्गीय पंडित रामचरण सुंदर सेठ ऐसे ही व्यक्तित्व थे, जिनकी पुण्य स्मृति में महकनी स्वर्गीय एमजी पंडित चैरिटेबल ट्रस्ट एवं यशोदा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में रामचरितमानस पाठ, महाप्रसाद वितरण एवं गरीबों को कंबल वितरण का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के जिला अध्यक्ष आशीष कुमार श्रीवास्तव ने की। मुख्य अतिथि राजेंद्र प्रसाद मौर्य ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, स्व. सुंदर सेठ जी ने प्रतापगढ़ का नाम मुंबई तक रोशन किया। उन्होंने न सिर्फ अपने व्यवसाय में सफलता हासिल की, बल्कि अनेकों युवाओं को रोजगार से जोड़कर उनके जीवन को संवारने का कार्य किया।
धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुजदास ने कहा कि स्व. सेठ जी मराठियों के बीच भी अपनी कड़ी मेहनत, निष्ठा और ईमानदारी के कारण सम्मानित स्थान प्राप्त करने में सफल रहे। वे दो बार कल्याण नगर पालिका के अध्यक्ष रहे और प्रतापगढ़ की संस्कृति को महाराष्ट्र में सम्मान दिलाया।
बेटे बढ़ा रहे समाज सेवा की ज्योति
सेठ जी की समाज सेवा की परंपरा को उनके पुत्र मुन्ना पंडित एवं विजय पंडित आगे बढ़ा रहे हैं। उनकी प्रेरणा से कई उत्तर भारतीय गाय के दूध, फल एवं सब्जी के व्यवसाय से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने उत्तर भारतीय विद्यार्थियों के लिए विशेष सुविधाओं के साथ विद्यालयों की स्थापना कर शिक्षा को बढ़ावा दिया।
हर वर्ष आयोजित खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से उत्तर भारतीयों और महाराष्ट्रियन समाज के बीच सौहार्द बढ़ाने का भी कार्य किया जाता है, जिससे आपसी भाईचारा और प्रेम कायम रहे।
कला और काव्य की भावनात्मक प्रस्तुति
इस अवसर पर कवि अंजनी अमोघ, हरिवंश शुक्ल, शौर्य अरुण रत्नाकर और अंकित तिवारी ने अपनी भावपूर्ण रचनाओं से उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। उनकी कविताओं में सेवा, समर्पण और प्रेरणा के भाव झलकते रहे।
सम्मान और आभार
कार्यक्रम में संगम लाल गुप्त, दिनेश गुप्ता, राजेश सिंह, मनोराम मिश्रा, वीरेंद्र प्रताप सिंह, अजय गुप्ता, सीमा प्रभाकर शुक्ला, प्रियंका पंडित, कृपाशंकर मिश्रा, राजनारायण मिश्रा, कमलाकांत त्रिपाठी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का नरेंद्र विजय पंडित एवं दुर्गेश पंडित ने अंग वस्त्र एवं माल्यार्पण कर सम्मान किया।
सेवा और संस्कारों की विरासत
इस पूरे आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्चे कर्मयोगी शरीर से नहीं, बल्कि अपने कार्यों से अमर रहते हैं। स्वर्गीय सुंदर सेठ की स्मृति में आयोजित यह कार्यक्रम समाज को प्रेरणा देता है कि सेवा, परोपकार और सद्भावना के मार्ग पर चलकर ही सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।
संचालन अनूप त्रिपाठी ने किया और अंत में नगरवासियों ने संकल्प लिया कि वे सेठ जी के दिखाए मार्ग पर चलकर समाज के उत्थान में योगदान देंगे।