प्रतापगढ़, 5 सितंबर 2024। शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रतापगढ़ जिले में जिला प्रशासन द्वारा उत्कृष्ट शिक्षण कार्यों में निपुण 18 शिक्षकों का सम्मान किया गया। यह समारोह प्रतापगढ़ के मुख्यालय पर आयोजित किया गया, जिसमें जिले की मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दिव्या मिश्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में चयनित शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह में लक्ष्मणपुर विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय अजगरा की शिक्षिका अंकिता पांडेय का नाम भी विशेष रूप से सराहा गया।
अंकिता पांडेय, जो प्राथमिक विद्यालय अजगरा में पढ़ा रही हैं, अपने शिक्षण कार्यों में नवीनतम तकनीकों और विधियों का उपयोग करने के लिए जानी जाती हैं। बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने और उनके समग्र विकास के लिए अंकिता ने कई नवाचार किए हैं। उन्होंने डिजिटल शिक्षण सामग्री का उपयोग कर बच्चों को न केवल पाठ्यक्रम से जोड़कर रखा, बल्कि उनके बौद्धिक विकास के लिए भी कई क्रियात्मक गतिविधियों का आयोजन किया। उनकी इन उपलब्धियों के कारण उन्हें शिक्षक समुदाय और जिला प्रशासन की ओर से सराहना प्राप्त हुई है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने कहा, शिक्षकों ने शिक्षा के क्षेत्र में जो नवाचार किए हैं, वे प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के बीच शिक्षा के प्रति रुचि जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी कार्यशैली और समर्पण सराहनीय है।
इस मौके पर अंकिता पांडेय के साथ अन्य 17 शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने जिले में उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्य किए हैं। इस सम्मान समारोह में जिले के अन्य शिक्षक, व्यायाम शिक्षक, स्काउट मास्टर और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।
जिला व्यायाम शिक्षक रामकुमार सिंह और मंजू सिंह, जिला स्काउट मास्टर सुशील कुमार सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी सुशील त्रिपाठी, बंशीधर पांडे, सुरेश सिंह, अमित कुमार पांडे, डीसी निर्माण प्रदीप यादव, डीसी ट्रेनिंग योगेंद्र सिंह और वरिष्ठ बाबू बृजेश चंद्र तिवारी जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इनके साथ ही शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों और शिक्षकों ने भी इस समारोह में शिरकत की और सम्मानित शिक्षकों के कार्यों की सराहना की।
कार्यक्रम का संचालन एआरपी धर्मेंद्र ओझा द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सजीव और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दिव्या मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा, आज का दिन उन शिक्षकों के लिए है जो अपने निष्ठा और परिश्रम से बच्चों के भविष्य को संवारने का काम कर रहे हैं। शिक्षण सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाज के निर्माण की नींव है।
उन्होंने आगे कहा, सही दिशा में किया गया प्रयास न केवल बच्चों के जीवन को बेहतर बनाता है, बल्कि समाज के लिए भी एक सकारात्मक परिवर्तन लाता है। हमें गर्व है कि हमारे जिले में ऐसे समर्पित शिक्षक हैं।
अंकिता पांडेय ने ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों की पढ़ाई के प्रति लगाव बढ़ाने के लिए विशेष तकनीकें अपनाईं, जैसे स्मार्ट क्लास का आयोजन, डिजिटल शिक्षण सामग्री का उपयोग और खेलों के माध्यम से शिक्षा का प्रसार। इसके अलावा, उन्होंने बच्चों को नैतिक शिक्षा और सामाजिक मूल्य भी सिखाने पर जोर दिया, ताकि वे न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि नैतिक रूप से भी सशक्त बनें। उनकी शिक्षण शैली और उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें इस सम्मान का पात्र बनाया।
जिला प्रशासन का यह उद्देश्य है कि ऐसे शिक्षकों को सम्मानित कर समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए और बाकी शिक्षक भी उनसे प्रेरणा लें। शिक्षा के क्षेत्र में जो नवाचार और समर्पण दिखाए जा रहे हैं, उनका आदान-प्रदान और प्रोत्साहन अन्य शिक्षकों को भी अपने कार्य में उत्कृष्टता लाने के लिए प्रेरित करेगा। इस प्रकार के सम्मान समारोहों से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और शिक्षक समाज को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया जा रहा है।
शिक्षक दिवस पर आयोजित यह सम्मान समारोह जिले के शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा, जिसमें अंकिता पांडेय जैसी शिक्षिकाओं के कार्यों की सराहना की गई। उनके योगदान ने यह साबित किया कि शिक्षा का सशक्त माध्यम ही समाज के निर्माण की नींव है, और इस दिशा में समर्पित शिक्षकों का योगदान अमूल्य है।