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दुर्गागंज अस्पताल की सच्चाई उजागर, कोमल की मौत का चौंकाने वाला खुलासा

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प्रतापगढ़, 30 मार्च 2025। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में रानीगंज कोतवाली क्षेत्र के दुर्गागंज में चल रहे निजी नर्सिंग होम की सच्चाई सामने आ गयी है। यह अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए नहीं बल्कि अय्याशी के अड्डे में तब्दील हो चुका था।

यह बात आम तब हुई थी जब 27 मार्च 2025 को इसी अस्पताल में काम करने वाली 21 वर्षीय दलित बालिका कोमल सरोज की संदिग्ध मौत हो गयी थी। कोमल की मौत के बाद उसकी सहेली ने यह बात साफ की थी कि अस्पताल में रात में बाहर से लड़कियां बुलाई जाती हैं। सहेली ने कहा था कि यह बात उसकी सहेली कोमल बताया करती थी।

कोमल की संदिग्ध मौत से गुस्साये स्थानीय लोगों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में बीच बचाव कर रहे रानीगंज सर्किल के क्षेत्राधिकारी को चोट भी आयी थी। घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के निर्देश पर 28 मार्च को कोमल की मां की तहरीर के आधार पर थाना रानीगंज पर अन्तर्गत धारा 70(1), 103(2), 3(5) व 3(2)5 एससी /एसटी एक्ट बनाम 6 नामजद व्यक्तियों का अभियोग पंजीकृत किया गया था।

एसपी ने पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित कर घटना के शीघ्र अनावरण व गिरफ्तारी हेतु संबंधित को निर्देश दिये थे और खुद सभी टीमों की मानिटरिंग कर रहे थे। 30 मार्च को पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने मामले का खुलासा किया।

एएसपी पूर्वी दुर्गेश कुमार सिंह के पर्वेक्षण में सीओ विनय प्रभाकर साहनी के पर्वेक्षण में प्रभारी निरीक्षक रानीगंज आदित्य सिंह और एसओजी प्रभारी सुनील कुमार यादव की संयुक्त कार्यवाही में 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण

  • शहबाज पुत्र मुजीबउर्रहमान निवासी ग्राम कौलापुर नन्दपट्टी थाना रानीगंज जनपद प्रतापगढ़।
  • सुनील कुमार यादव उर्फ मोनू पुत्र रामफेर यादव निवासी ग्राम हुसैनपुर थाना रानीगंज जनपद प्रतापगढ़ ।
  • डॉ. अमित कुमार पाण्डेय पुत्र मदुशुदन प्रसाद पाण्डेय निवासी ग्राम खाई थाना करछना जनपद प्रयागराज ।

पूछताछ का विवरण

अभियुक्त शहबाज ने जुर्म स्वीकार करते हुये बताया कि उसने शादी का प्रलोभन देकर कई बार संबंध बनाये थे। मृतका द्वारा बार-बार शादी करने हेतु दबाव बनाया जा रहा था। मना करने पर उसने 27 मार्च 2025 को अस्पताल में ड्यूटी के दौरान जहरीला पदार्थ खा लिया । अस्पताल में उपचार करने का प्रयास किया गया था, उपचार के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस से बचने के लिये अस्पताल द्वारा साक्ष्यों को मौके से छिपाया गया था।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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