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प्रयागराज से मानिकपुर तक बिछेगी तीसरी रेल लाइन, मुंबई तक का सफर होगा आसान

प्रयागराज से मानिकपुर तक बिछेगी तीसरी रेल लाइन, मुंबई तक का सफर होगा आसान

प्रयागराज, 26 नवंबर 2024। संगमनगरी प्रयागराज से मानिकपुर तक तीसरी रेल लाइन बिछेगी। इस लाइन के बिछने से मुंबई तक का सफर आसान बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 25 नवंबर को रेल मंत्रालय की तीन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं की कुल लागत 7,927 करोड़ रुपये है और ये भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

  • जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी)
  • भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी)
  • प्रयागराज (इरादतगंज)-मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी)

ये मल्टी-ट्रैक परियोजनाएं रेलवे के प्रमुख खंडों पर भीड़भाड़ कम करने और परिचालन दक्षता बढ़ाने में सहायक होंगी। मुंबई और प्रयागराज के बीच सबसे व्यस्त रेलमार्गों पर यह अवसंरचना सुधार यात्रियों और माल परिवहन दोनों के लिए लाभदायक होगा।

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों में फैली ये परियोजनाएं 639 किलोमीटर का नेटवर्क विस्तार करेंगी। इनमें दो आकांक्षी जिले खंडवा और चित्रकूट शामिल हैं, जो 1,319 गांवों और लगभग 38 लाख लोगों को बेहतर परिवहन-संपर्क प्रदान करेंगे।

ये परियोजनाएं तीर्थस्थलों जैसे त्र्यंबकेश्वर, ओंकारेश्वर, काशी विश्वनाथ, चित्रकूट, गया, और शिरडी की यात्रा को सरल बनाएंगी। इसके अलावा, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल जैसे खजुराहो, अजंता-एलोरा गुफाएं, और ऐतिहासिक किलों जैसे देवगिरी और असीरगढ़ तक पहुंच भी सुगम होगी।

इन परियोजनाओं से 51 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता विकसित होगी, जो कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला और इस्पात जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक है। यह पहल 271 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन कम करके जलवायु लक्ष्यों को भी पूरा करेगी, जो 11 करोड़ पेड़ों के पर्यावरणीय लाभ के बराबर है।

प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत ये परियोजनाएं एकीकृत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करती हैं। यह न केवल परिवहन क्षेत्र को सशक्त बनाएगा, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में भी वृद्धि करेगा।

रेलवे मंत्रालय का यह प्रयास देश की परिवहन क्षमता, पर्यावरण संरक्षण, और क्षेत्रीय विकास के लिए एक निर्णायक कदम है।