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छत्तीसगढ़ में पर्यटन को मिलेगा उद्योग का दर्जा: केदार कश्यप

छत्तीसगढ़ में पर्यटन को मिलेगा उद्योग का दर्जा: केदार कश्यप

रायपुर, 30 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रदेश के पर्यटन मंत्री केदार कश्यप ने गोवा में आयोजित पश्चिमी और मध्यवर्ती राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों के पर्यटन मंत्रियों के सम्मेलन में इस बात का उल्लेख किया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की, जिसमें पर्यटन क्षेत्र के लिए साझा विजन और संकल्पना निर्माण पर विचार-विमर्श किया गया।

मंत्री श्री कश्यप ने सम्मेलन में छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास की संभावनाओं और चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और छत्तीसगढ़ में पर्यटन स्थलों की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की। उन्होंने विकास की राह में आने वाली चुनौतियों और आवश्यक संसाधनों के लिए केंद्र से समर्थन की मांग भी की, ताकि छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सके।

इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी, राजस्थान की उप मुख्यमंत्री श्रीमती दीया कुमारी, गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खाउंते, मध्यप्रदेश के मंत्री धर्मेंद्र लोधी सहित अन्य राज्यों के पर्यटन मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

पर्यटन से समृद्ध छत्तीसगढ़

सम्मेलन में मंत्री कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य प्राचीन स्मारकों, दुर्लभ वन्यप्राणियों, नक्काशीदार मंदिरों, बौद्ध स्थलों, राजमहलों, जलप्रपातों, गुफाओं और प्रागैतिहासिक शैलचित्रों से समृद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य की ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहरें अद्वितीय हैं, और इनका विकास केंद्रीय सहायता से किया गया है।

स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत राज्य में ट्रायबल टूरिज्म सर्किट का विकास किया गया है, जबकि प्रशाद योजना में डोंगरगढ़ का विकास कार्य अंतिम चरण में है। राज्य के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे जगदलपुर, चित्रकोट, भोरमदेव, सिरपुर, रतनपुर, मैनपाट, राजिम और मल्हार को भी केंद्रीय और राज्य बजट से विकसित किया गया है।

बनाई जा रही नई पर्यटन नीति

मंत्री कश्यप ने कहा कि इन विकास कार्यों और पर्यटन के प्रचार-प्रसार से राज्य में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में शक्तिपीठ स्थलों का विकास, रोपवे और क्रूज पर्यटन के लिए कार्यवाही जारी है। नई पर्यटन नीति पर भी काम चल रहा है, और छत्तीसगढ़ में पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। राज्य में होमस्टे और बेड-एंड-ब्रेकफास्ट गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, और इको टूरिज्म, एडवेंचर गतिविधियों, तथा वाटर एक्टीविटी लाइसेंस के लिए गाइडलाइन्स बनाने पर भी काम चल रहा है।

केंद्र से सहयोग की मांग

राज्य में पर्यटन को और गति देने के लिए श्री कश्यप ने केंद्र से नई योजनाओं की स्वीकृति की मांग की। उन्होंने स्वदेश दर्शन 2.0 के अंतर्गत बिलासपुर और जगदलपुर के चयनित डेस्टीनेशंस के लिए केंद्र से कंसल्टेंट नियुक्त करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रशाद योजना के तहत सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ का कांसेप्ट प्लान जमा किए जाने की जानकारी दी, जिसकी स्वीकृति अपेक्षित है।

भविष्य के रोडमैप का प्रस्ताव

श्री कश्यप ने आगामी 5 वर्षों के लिए छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास का रोडमैप प्रस्तुत किया। इसमें पांच शक्तिपीठों को जोड़ते हुए सर्किट का विकास, स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत बिलासपुर और जगदलपुर के पर्यटन स्थलों का विकास, तथा प्रशाद योजना के अंतर्गत सूरजपुर जिले के माँ कुदरगढ़ी देवी स्थल का विकास और रोपवे की स्थापना शामिल है।

राज्य में नवनिर्मित राजमार्गों और बायपास पर पर्यटकों के लिए वेसाइड अमेनिटी विकसित करने, पर्यटन गतिविधियों में स्थानीय सहभागिता बढ़ाने, और ईको टूरिज्म, एग्री टूरिज्म, रूरल टूरिज्म और माइस टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजनाएं भी प्रस्तावित हैं। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड की आवासीय इकाइयों को संचालन और प्रबंधन के लिए निजी क्षेत्र को लीज पर देने की भी योजना है।