गौरा (प्रतापगढ़), 21 फरवरी 2025। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरा के अधीक्षक डॉ. अजय कुमार सिंह के मार्गदर्शन में नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए 26 गांवों की आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण होम बेस्ड न्यूबॉर्न केयर (एचबीएनसी) कार्यक्रम के तहत 17 से 21 फरवरी तक आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण में शामिल विशेषज्ञ और उद्देश्य
प्रशिक्षण सत्र में बीएमसी नरेन्द्र कुमार मिश्र, बीसीपीएम हसनैन सिद्दीकी और बीपीएम नितिन शर्मा ने आशा कार्यकर्ताओं को नवजात शिशुओं की देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। यह कार्यक्रम विशेष रूप से नवजात मृत्यु दर को कम करने और शिशु स्वास्थ्य सुधारने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। यह खासतौर पर ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है।
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका
आशा कार्यकर्ता नवजात शिशु की देखभाल के लिए घर-घर जाकर माता-पिता को सुरक्षित देखभाल के लिए जागरूक करती हैं। कार्यक्रम के तहत समय से पहले जन्मे, कम वजन के और बीमार शिशुओं के लिए विशेष देखभाल दौरे किए जाते हैं।
नवजात शिशु देखभाल के मुख्य दिशानिर्देश
- जन्म के तुरंत बाद शिशु को न नहलाएं।
- जन्म के तुरंत बाद नवजात का वजन लें।
- जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला दूध पिलाएं।
- पहले छह महीने तक केवल स्तनपान कराएं।
- नवजात को उचित टीकाकरण दिलाएं।
- शिशु को पर्याप्त पूरक आहार दें।
स्वास्थ्य विभाग की पहल से नवजात देखभाल में सुधार
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से आशा कार्यकर्ताओं को नवजात शिशुओं की देखभाल में और अधिक दक्ष बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग की यह पहल ग्रामीण इलाकों में नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगी।