वाराणसी, 20 जनवरी 2025। मादक पदार्थों के सेवन से हमारा समाज व राष्ट्र प्रभावित होता है। आज युवाओं में नशीले पदार्थों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति एक गंभीर चिन्ता का विषय बनती जा रही है। उक्त बातें जिला ग्राम्य विकास संस्थान, परमानन्दपुर में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण में राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार एवं दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में प्रायोजित मादक द्रव्यों के सेवन की रोकधाम पर पंचायत प्रतिनिधियों, समुदाय आधारित संगठनों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं का क्षमता संवर्धन विषयक दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण सत्र के शुभारंभ अवसर पर जिला प्रशिक्षण अधिकारी विमल कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में व्यक्त की।
सत्र का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर प्रधान संघ चोलापुर रामसूरत यादव, जिला प्रशिक्षण अधिकारी विमल कुमार सिंह एवं प्रशिक्षण टीम ने संयुक्त रूप से किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम सत्र में मास्टर ट्रेनर सुरेश पाण्डेय द्वारा प्रतिभागियों को मादक पदार्थों की मांग में कमी लाने हेतु राष्ट्रीय कार्ययोजना एवं राज्य कायर्योजना और उत्तर प्रदेश में मादक द्रव्यों के दुरुपयोग की वतर्मान स्थिति की जानकारी देते हुए 2019 के आंकड़े के आधार पर बताया गया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 4.2 करोड़ और भारतवर्ष में लगभग 16 करोड़ आबादी शराब के नशे की शिकार है।
मास्टर ट्रेनर अमरनाथ द्विवेदी ने प्रशिक्षुओं को मादक द्रव्यों का हमारे जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव और इसके रोकधाम पर जानकारी दी। वही राज्य प्रशिक्षक के.एल. पथिक ने प्रतिभागियों को व्यसन उपचार, परामर्श एवं पुनरावृत्ति रोकधाम के सिद्धांत स्वस्थ और संयमित जीवन के प्रति व्यवहारिक परिवर्तन के बारे में जानकारी दी।
सत्र प्रभारी संजय कुमार, सुरेश तिवारी, ग्राम प्रधान साधना सिंह, कविता, शशिकला, विद्योतमा, संकुल संघ एवं एसएचजी पदाधिकारी रुक्मीना पाल, बेबी, साजिदा बेगम, अंजू देवी, अनुराधा, किरन, पूजा देवी, कुमारी सुनीता, संगीता, पार्वती, प्रीति त्रिपाठी, कविता त्रिपाठी, मीना देवी, संगीता मौर्या, मंजू देवी, नीतू शर्मा, स्वयं सेवी संस्था प्रतिनिधि पुष्पा सिंह, शैलजा उपाध्याय व प्रीति यादव आदि सहित 30 प्रतिभागियों की उपस्थिति रही।