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उत्तर प्रदेश बनेगा 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था

उत्तर प्रदेश बनेगा 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) के दूसरे संस्करण के समापन पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनके प्रयासों से उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। श्री गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल राज्य बल्कि देश की आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रहा है, और यह प्रक्रिया 2047 तक 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था की नींव रखेगी।

‘मेक इन इंडिया’ की यात्रा पर चर्चा करते हुए, श्री गोयल ने प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण की सराहना की, जो 25 सितंबर 2014 को शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि यह अभियान युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करेगा। साथ ही, यह तय किया गया है कि हर साल यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के उद्घाटन के साथ-साथ ‘मेक इन इंडिया’ की वर्षगांठ भी मनाई जाएगी।

श्री गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की औद्योगिक नीतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य को एक समग्र विकास मॉडल बनाया है। इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से ग्रेटर नोएडा में एक औद्योगिक स्मार्ट सिटी का निर्माण हो रहा है, जो उत्तर प्रदेश को उद्योग और निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बनाएगा। उन्होंने बताया कि 2,500 से अधिक प्रदर्शकों और एक लाख से अधिक दर्शकों की उपस्थिति इस ट्रेड शो की सफलता को दर्शाती है।

श्री गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुशल श्रमिकों को तैयार करने की योजनाओं के कारण राज्य से होने वाले पलायन में भारी कमी आई है। इसके अलावा, राज्य ने निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है, जिससे उद्योगों को कुशल और प्रतिभाशाली श्रमिक आसानी से मिल रहे हैं।

4D रणनीति से बढ़ेगा निवेश

श्री गोयल ने 4D रणनीति यानि निर्णायक नेतृत्व, मांग, जनसांख्यिकीय लाभांश और एक जीवंत लोकतंत्र का उल्लेख किया, जो उत्तर प्रदेश में निवेश को आकर्षित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों, मजदूरों और युवाओं के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है, जिससे समाज को मजबूती मिली है।

श्री गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं और सेवाओं का प्रदाता बन रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ‘शून्य दोष, शून्य प्रभाव’ के दृष्टिकोण के तहत भारत को उच्च टिकाऊ गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए। इससे एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा और ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकेगा।