विपक्ष ने डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया
रायपुर, 11 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ सरकार 40 लाख मैट्रिक टन धान की नीलामी खुले बाजार में करने जा रही है। इस बात की जानकारी मंगलवार को विधानसभा में प्रदेश के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने सदन को दी। राज्य सरकार ने सेन्ट्रल पूल द्वारा चावल न लिये जाने के कारण यह कदम उठाया है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने 149 लाख 24 हजार 710 टन धान की खरीदी की है। खाद्य मंत्री ने बताया कि इसमें से 70 लाख मैट्रिक टन चावल सेन्ट्रल पूल लेगी, राज्य पूल में नागरिक आपूर्ति निगम 13.34 लाख मैट्रिक टन चावल की खपत करेगा।
शेष 40 लाख मैट्रिक टन की सीमा तक अतिशेष धान के निराकरण के लिए राज्य सरकार ने खुले बाजार में नीलामी करने का निर्णय लिया है।
मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ. चरण दास महत ने इस संबंध में स्थगन प्रस्ताव दिया। इसके समर्थन में कांग्रेस के विधायकों ने डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया।
प्रदेश को 8000 करोड़ रुपये का होगा नुकसान : महंत
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 40 लाख मैट्रिक टन धान की खुले में नीलामी कराये जाने से राज्य सरकार को 8000 करोड़ रुपये के नुकसान का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में 172 लाख टन धान की खरीदी हुई है और इसका पूरा चावल केन्द्र सरकार सेन्ट्रल पूल में खरीद रही है फिर छत्तीसगढ़ के लिए दोहरा मानदंड क्यों अपनाया जा रहा है।
उन्होंने विष्णुदेव साय सरकार से आग्रह किया कि केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है, वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से निवेदन करें कि सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ में उपार्जित समस्त धान के चावल को लेने की अनुमति प्रदान करें जिससे राज्य को इतने बड़े नुकसान से बचाया जा सके।