नितिन उपाध्याय और उसकी गर्लफ्रेंड रेशमा ने 1560 बेरोजगारों से की ठगी

04-May-2024

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पुलिस ने नितिन उपाध्याय और उसकी गर्लफ्रेंड रेशमा को गिरफ्तार किया है। नितिन सुल्तानपुर जिले के चांदा थाना के आनापुर भीखीपुर गांव का रहने वाला है और रेशमा वाराणसी के हुकुलगंज की रहने वाली है। दोनों पर प्राइवेट कंपनियों और एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 1560 बेरोजगारों को ठगने का आरोप है।


दोनों को एसओजी और शिवपुर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से दो लैपटॉप, एडॉप्टर, 10 मोबाइल, दो पासबुक, एक बैनर, नौकरी के विज्ञापन से संबंधित 2937 पंफलेट, एक नेमप्लेट, एक रजिस्टर, 27 ज्वाइनिंग व ट्रेनिंग लेटर, एक लैंडलाइन फोन सेट और दो फाइबर राउटर बरामद किया गया है।


टीम को पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने 50 हजार और डीसीपी अपराध चंद्रकांत मीणा ने 10 हजार इनाम देने की घोषणा की। डीसीपी अपराध ने बताया कि शिकायत मिली थी कि नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी पंफलेट छपवा कर बेरोजगारों के साथ ठगी की जा रही है।


इस सूचना के आधार पर एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्रा के नेतृत्व में दरोगा गौरव कुमार सिंह व विनोद विश्वकर्मा व सर्विलांस सेल के संतोष पासवान और शिवपुर थानाध्यक्ष रविशंकर त्रिपाठी की टीम गठित की गई। सर्विलांस की मदद से पड़ताल कर नितिन और रेशमा को गिरफ्तार किया गया है।


पूछताछ में रेशमा और नितिन ने बताया कि वह दो साल से बेरोजगारों को ठग रहे थे। उनके पंफलेट पर छपे मोबाइल नंबर पर जो भी बेरोजगार संपर्क करता था, उससे उसका मार्कशीट व अन्य दस्तावेज व्हाट्सएप पर मंगाते थे। फिर, रजिस्ट्रेशन, वर्दी और नियुक्ति पत्र जारी करने के नाम पर चार से पांच हजार रुपये प्रति कैंडिडेट ऐंठते थे। दोनों ने अपना ऑफिस पहले हुकुलगंज में खोला था। 


लोगों को उनके फर्जीवाड़े की जानकारी होने लगी तो भोजूबीर में पंचक्रोशी मार्ग पर खोल दिया। दोनों ने चार युवतियों को सात हजार रुपये प्रति महीने की नौकरी दी थी। दोनों ने कहा कि कम समय में अधिक पैसा कमाने के लालच में फर्जी कंपनी खोलकर ठगी शुरू की। बेरोजगारों से पैसा ऑफिस के नौकर संदीप के खाते में मंगवाया जाता था। कभी-कभी नितिन अपने पिता के बैंक खाते में भी पैसे मंगवा लेता था।


पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि फर्जी विज्ञापन देकर बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाए।आरोपियों की अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त की जाए। साथ ही इनकी नियमित निगरानी के लिए हिस्ट्रीशीट भी खोली जाए। इस प्रकरण में जो भी अन्य आरोपी संलिप्त मिलें, उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो।


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